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कांग्रेस ने टीएसईसीएल में भ्रष्टाचार की जांच की मांग की

कांग्रेस ने टीएसईसीएल में भ्रष्टाचार की जांच की मांग की

अगरतला, 03 मार्च (वार्ता) त्रिपुरा में विपक्षी कांग्रेस ने रविवार को त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लि़मिटेड (टीएसईसीएल) में भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच की मांग की। निगम में पिछले पांच वर्षों में भारी मात्रा में कर्ज और भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं।

त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आशीष कुमार साहा ने आरोप लगाया कि वर्ष 2018 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने से पहले टीएसईसीएल एक लाभ कमाने वाली राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) थी। महाराष्ट्र से टीएसईसीएल के प्रबंध निदेशक एम.एस. केले की नियुक्ति के तुरंत बाद, निगम भ्रष्टाचार के अड्डे में बदल गया।

श्री साहा ने आरोप लगाते हुए कहा, “तत्कालीन सरकार के इशारे पर, केल ने ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से करोड़ों रुपये लूटे। टीएसईसीएल ने कई मौकों पर काम शुरू होने से पहले निविदा मूल्य का 50 प्रतिशत से अधिक का भुगतान किया और कुछ मामलों में, ठेकेदारों ने निविदा को अंतिम रूप देने के लिए टीएसईसीएल अधिकारियों के साथ यात्रा की तथा कुछ मामलों में, बिना कोई काम किए ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया।'

उन्होंने बताया कि टीएसईसीएल के 332 करोड़ रुपये के कॉर्पस फंड में एमएस केले के नेतृत्व में भाजपा नेताओं और अधिकारियों के एक समूह ने हेराफेरी की थी और कहा, “उन दिनों हम भाजपा में थे और व्यक्तिगत रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री और बिजली मंत्री से भ्रष्ट गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।” लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया और उन दिनों के दौरान स्थानीय ठेकेदारों को कोई काम नहीं दिया गया, बल्कि कड़ी शर्तों के साथ उन्हें काम देने की संभावनाएं क्षीण कर दी।

श्री साहा ने कहा कि त्रिपुरा कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को टीएसईसीएल के प्रबंध निदेशक देबाशीष सरकार को एक ज्ञापन दिया, जिसमें भ्रष्टाचार की जांच और सेवाओं में सुधार की मांग की गई।

ज्ञापन में कहा गया है कि मार्च 2018 तक, टीएसईसीएल राज्य में एक लाभदायक क्षेत्र था, जिसकी हिस्सेदारी में 332.52 करोड़ रुपये की सकल पूंजी थी और अब लाभ के बजाय, टीएसईसीएल पर लगभग 518.49 करोड़ रुपये का कर्ज बोझ है।

उन्होंने कहा कि राज्य के ऊर्जा मंत्री रतन लाल नाथ विभाग को संभालने में विफल रहे हैं और धीरे-धीरे भ्रष्टाचार में डूबते जा रहे हैं।

ज्ञापन में मामले की तत्काल निष्पक्ष जांच की मांग की गई है और मांगें न मानने पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी गई है।

जांगिड़,आशा

वार्ता

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