लखनऊ, 24 सितम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पाठ्यक्रम वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएं।
श्री योगी मंगलवार को यहां लोक भवन में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन की उपयोगिता, प्रासंगिकता एवं पाठ्यक्रमों के संचालन सम्बन्धी नीति-निर्धारण विषयक बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में कुछ न कुछ विशेष है और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि जिले के उत्पादों की ब्राण्डिंग की आवश्यकता है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन का संचालन विश्वविद्यालय की तर्ज पर किए जाने के निर्देश दिए हैं। इससे प्रशिक्षणार्थियों को बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश में आए हुए अतिथियों को ओडीओपी से जुड़े उत्पादों को उपहार स्वरूप दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
श्री योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पाठ्यक्रम वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएं। इसके साथ ही, पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री स्तर पर संचालित किए जाएं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वर्तमान में ‘हर घर नल’ योजना के लिए प्लम्बर की आवश्यकता होगी। ऐसे ही, एमएसएमई के प्रत्येक क्षेत्र में असीम सम्भावनाएं हैं।
इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह, मुख्य सचिव आर केतिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत सहगल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
त्यागी
वार्ता