इटावा , 9 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के सराय भूपत क्षेत्र में एक मगरमच्छ नहर से निकल सड़क पर आ गया।
प्रभागीय वन अधिकारी अतुल कांत शुक्ला ने शनिवार को बताया कि सड़क पर आया मगरमच्छ संभवत: सराय भूपत नहर से निकला है। सूत्रों के अनुसार एआरटीओ ब्रजेश कुमार सिंह की इस इलाके मे चैकिंग कर रहे थे कि इसी दौरान सडक के किनारे मगरमच्छ देखा गया फिर उन्होने वन विभाग को इसकी जानकारी दी । वन विभाग के अधिकारियो को दी गई सूचना के आधार पर वन विभाग और वन्यजीव संस्था सोसायटी फॉर कंजर्वेशन के सचिव संजीव चौहान मगरमच्छ को पकडने के लिए मौके पर पहुंचे ।
प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग अतुल कांत शुक्ला उप प्रभागीय वनाधिकारी संजय सिंह के निर्देशन पर रेस्क्यू चला करके मगरमच्छ को पकडा गया। वन्य जीव विशेषज्ञ संजीव चौहान स्कॉन रेस्क्यू टीम के साथ वन क्षेत्राधिकारी चकरनगर, वढ़पुरा, लखना, बसरेहर, शिवकुमार यादव, अजय कुमार त्रिपाठी, विवेकानंद दुबे, शिवप्रसाद चंबल सेंचुरी वन क्षेत्राधिकारी हरि किशोर शुक्ला मौके पर पहुंच कर देखा कि भोगनीपुर नहर पुल के ऊपर झाड़ियों में छुपा हुआ था। कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित मगरमच्छ को पकड़ा जा सका।
पर्यावरणविद महासचिव स्कॉन डा. राजीव चौहान ने बताया कि यह क्रोकोडाइलस पेलुसटिरिस प्रजाति का मगर है और बाढ़ के दौरान गंगा नदी से भटक कर किसी नहर से आया होगा । उच्च अधिकारियों के निर्देशन में चंबल नदी मे छोड दिया गया । इससे पहले पकडे गये मगरमच्छ का मेडिकल पशु पालन विभाग के अस्पताल मे लेकर कराया गया ।
शनिवार सुबह पकडे गये मगरमच्छ को चंबल सेंचुरी क्षेत्र में प्रवाहित चंबल नदी में छोड़ दिया गया। भोगनीपुर नहर से निकलकर सराय भूपत राष्ट्रीय राजमार्ग डिवाइडर पर पहुंचे करीब दो मीटर लंबे मगरमच्छ से शनिवार को राहगीरों में हड़कंप मच गया ।
मगरमच्छ को बांधकर लोडर के जरिए चकरनगर सेंचुरी क्षेत्र में ले जाया गया। यहां सहसों गांव के समीप डाल्फिन वन विश्राम ग्रह के पास प्रवाहित चंबल नदी में छोड़ दिया गया । चकरनगर के वन क्षेत्राधिकारी शिव कुमार यादव ने बताया कि मगरमच्छ का मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिसमें वह स्वस्थ पाया गया है। जिसके बाद उसको चंबल नदी मे छोड दिया गया है ।
सं प्रदीप
वार्ता