लखनऊ,03 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ पी सिंह ने ई-सिगरेट पर केन्द्र सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी का कड़ाई से अनुपालन कराने के लिए आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
पुलिस प्रवक्ता ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि ई-सिगरेट पर भारत सरकार के 18 सितम्बर को जारी अध्यादेश के क्रम में राज्य के सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि राज्य में ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंण्डारण एवं विज्ञापन आदि पर कडाई से रोक लगाई जाय।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश के मुख्य बिन्दुओं में ई-सिगरेट जिसमें निकोटिन प्रदान करने वाले सभी प्रकार के इलेक्ट्रानिक यंत्र शामिल हैं, अज्वलनशील उत्पाद जो गर्मी देते हों, जैसे ई-हुक्का और इसी प्रकार के अन्य यंत्र, जो किसी भी प्रकार के नाम से बोले जाते हों तथा किसी भी शेप, साईज या अन्य किसी प्रकार के हों लेकिन ड्रग्स एण्ड़ कास्मेटिक्स एक्ट-1940 के तहत लाइसेंस प्राप्तकर्ता न हो।
ई-सिगरेट अथवा यंत्र के किसी भाग का जैसे रिफिलपाडस्, कार्टिडेजस, एटोमाइजर्स इत्यादि का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंण्डारण एवं विज्ञापन निषिद्ध है। ऑन लाईन विक्रय और विज्ञापन भी निषिद्ध होगा। उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण एवं विज्ञापन आदि पर 01 वर्ष की सजा अथवा 01 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों होंगे। अपराध की पुनरावृत्ति होने पर 03 वर्ष की सजा अथवा 05 लाख तक का जुर्माना होगा, यह संज्ञेय अपराध होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके भण्डारण के लिए 06 माह का कारावास अथवा 50 हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों होंगे। ई-सिगरेट इत्यादि के सर्च एवं सिजर के लिए अधिकृत पुलिस अधिकारी, जो उपनिरीक्षक स्तर का होगा। केन्द्र/राज्य सरकार अन्य अधिकारियों के लिए इस निमित्त अधिकृत कर सकती है। अध्यादेश के प्रारम्भ की तिथि पर जिन लोगों के पास ई-सिगरेट का स्टाक होगा, उन्हें यह अवसर दिया जाता है कि किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी के अपना स्टाक स्वतः संज्ञान लेते हुए निकटतम पुलिस स्टेशन में जमा करा दें।
उन्होंने कहा कि डीजीपी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अध्यादेश में उल्लिखित प्राविधानों का स्वयं अध्ययन करते हुये एक सेमिनार का आयोजन कर अपने-अपने अधीनस्थ सभी राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों, चौकी प्रभारियों को विस्तार से अवगत कराकर इसका अनुपालन कराना सुनिश्चित करें।
त्यागी
वार्ता