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पहले शल्य चिकित्सक के रूप में धन्वन्तरि को मान्यता मिली थी:योगी

पहले शल्य चिकित्सक के रूप में धन्वन्तरि को मान्यता मिली थी:योगी

गोरखपुर 05 नवम्बर, (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में ज्ञान-विज्ञान का भण्डार है,जो हमें विरासत में मिला और आयुर्वेद में दुनिया के पहले शल्य चिकित्सक के रूप में धन्वन्तरि को मान्यता मिली थी।

श्री योगी ने रविवार को यहां आयोजित धन्वन्तरि जयंती महोत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में ज्ञान-विज्ञान का भण्डार है, जो हमें विरासत में मिला है। अगर देश के चिकित्सक ठान लें, तो यहां की चिकित्सा पद्धति पर भरोसा बढ़ेगा। साथ ही,भारत को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाया जा सकता है। इसके लिए चिकित्सकों को स्वयं को समझना और तैयार करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धन्वन्तरि जयंती पर सबको संकल्प लेना चाहिए कि गांव में जाकर जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। इसके लिए इच्छा शक्ति होनी चाहिए तथा आयुर्वेद के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को आगे बढ़ाने के लिए परिश्रम करना होगा, जिससे लोगों का आयुर्वेद के प्रति विश्वास और बढ़ेगा और लोग आरोग्य होंगे। उन्होंने कहा कि हमें गांव-गांव जाकर आयुर्वेद के विधियों का संग्रह करके उसको वृहद रूप देने का कार्य करना होगा।

इसके बाद श्री योगी ने गोरक्षनाथ मंदिर परिसर में स्थित भीम सरोवर पर एसोसिएशन आॅफ इण्डिया भाई के बैनर द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘एक दिया शहीदों के नाम’ के अवसर पर कहा कि यह देश के शहीदों को उनकी शहादत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक माध्यम है, जिन्होंने भारत माता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।

इस अवसर पर छोटे-छोटे बच्चों एवं कलाकारों के द्वारा देश भक्ति पूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

इन कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

त्यागी

वार्ता

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