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मशहूर कार्टूनिस्ट येसुदास का निधन

मशहूर कार्टूनिस्ट येसुदास का निधन

कोच्चि, 06 अक्टूबर (वार्ता) मशहूर कार्टूनिस्ट और पत्रकार सीजे येसुदास का बुधवार को निधन हो गया। वह येसुदासन के नाम से लोकप्रिय थे।

वह 83 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी के अलावा तीन पुत्र है। वह कुछ दिनों पहले कोरोना संक्रमित हो गये थे और एक सप्ताह पहले ही अस्पताल से घर लौटे थे।

वह केरल कार्टून अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष थे और केरल ललित कला अकादमी के अध्यक्ष पद पर भी रहे थे।

येसुदासन का पहला कार्टून 1955 में कोट्टायम से प्रकाशित होने वाली अशोका नाम की पत्रिका में आया था।

उन्होंने 1960 में राजनीतिक कार्टून की दुनिया में कदम रखा था और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के दैनिक मलयालम समाचार पत्र जनयुगम के लिए हास्य चित्र बनाये थे। वहां उन्होंने 3 साल तक काम किया और कीट्टुम्मन चरित्र के साथ एक हास्य चित्र बनाया। इसके बाद उन्होंने शंकर साप्ताहिक दिल्ली में काम करना शुरु कर दिया।

वह 1969 से बच्चों की मलयालम पत्रिका बालयुगम के संपादक थे और राजनीति एवं सिनेमा के लिए मशहूर पत्रिका अषाढ़, कट-कट और टुक टुक में संपादन का काम किया था। येसुदासन 1985 में मलयालम मनोरमा समूह में शामिल हो गये, जहां वे अखबार और दैनिक पत्रिका में कार्टून बनाया करते थे।

उनकी मलयाला मनोरमा की वनिता पत्रिका में प्रकाशित 'श्रीमान नैयर' और साप्ताहिक मलयालम मनोरमा में प्रकाशित 'पन्नम्मा सुपरिटेंडेंट' काफी लोकप्रिय था।

उन्होंने अनियारा, प्रथम दृष्टि, पोस्ट मॉर्टम समेत वारेयली नयानर 4 किताबें लिखी हैं।

उन्हें 'तिरुवनंतपुरम प्रेस कल्ब' ने 1990 में 'कार्टूनिस्ट ऑफ द ईयर ' से सम्मानित किया था ।उन्होंने केजी गर्ग द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म पंचावड़ी पालम के लिये 1992 में डायलॉग लिखे थे।

येसुदासन को 2001 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट द्वारा लाईफ टाइम अचीवमेंट सम्मान से नवाजा गया था।

उनके कार्टून और मीडिया क्षेत्र में दिये गये योगदान के लिये उन्हें 2021 में केरल सरकार ने स्वदेशभिमानी केसरी सम्मान दिया था।

देव जितेन्द्र

वार्ता

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