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देश और समाज के लिए करें शिक्षा का व्यवहारिक उपयोग-आनंदीबेन

देश और समाज के लिए करें शिक्षा का व्यवहारिक उपयोग-आनंदीबेन

ग्वालियर, 28 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने यहां स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय, के दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं से कहा कि शिक्षा का व्यवहारिक उपयोग देश और समाज के लिये करें। बदलते समय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये शोध और अनुसंधान को व्यापकता प्रदान करनी होगी।

श्रीमती पटेल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि महाविद्यालयीन शिक्षा एक पड़ाव है। हमेशा सीखते रहने का प्रयास करते रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि विषयों का चयन और अध्ययन इस प्रकार करें, जिससे विकास में योगदान सुनिश्चित हो। विद्यार्थी सरकार को अपनी रिपोर्ट और फीडबेक देकर यह बता सकते हैं कि योजनाएँ किस प्रकार क्रियान्वित होना चाहिये।

उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर कहा कि भारतीय संस्कृति में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण यह है कि यह वृक्ष 24 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में कम से कम 50-50 पेड़ लगायें। पद्मश्री से सम्मानित उत्तराखण्ड की महिला का उदाहरण देते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि एक अशिक्षित महिला ने दृढ़ निश्चय से पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दिया है।

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि युवा लक्ष्य बनायें और उसे हासिल करने के लिए खूब मेहनत करें। उन्होंने युवाओं को खुली आँखों से सपने देखने और उन सपनों को पूरा करने के लिये मेहनत करने की सलाह देते हुए कहा कि समय के महत्व को समझते हुए आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्वालियर एवं चंबल संभाग के कॉलेजों के लिये इस वर्ष 390 करोड़ की राशि दी जा रही है। हमारा प्रयास है कि मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा का स्तर बेहतर हो।

पद्मश्री से सम्मानित एवं अमर ज्योति संस्थान की संस्थापक डॉ. उमा तुली ने कहा कि आज हमें समेकित शिक्षा पर ध्यान देना होगा। शिक्षा के साथ कौशल प्रशिक्षण से ही युवाओं को सशक्त बनाया जा सकता है।

नाग

वार्ता

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