Friday, Apr 26 2024 | Time 18:09 Hrs(IST)
image
राज्य


देवव्रत की उपस्थिति में आयोजित हुआ गौ कृषि संगम

देवव्रत की उपस्थिति में आयोजित हुआ गौ कृषि संगम

वडोदरा, 17 मई (वार्ता) गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बुधवार को प्रगतिशील किसानों को प्रकृति की ओर प्रयाण करने का आह्वान करते हुए कहा कि प्राकृतिक कृषि, खेती के नये युग का आरम्भ है।

श्री देवव्रत की उपस्थिति में बुधवार को गौ सेवा गतिविधि द्वारा राज्य के वडोदरा जिले के बाणज गांव में गौ कृषि संगम आयोजित हुआ। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में खेती में बहुत ज्यादा रासायनिक खाद और दवाओं का उपयोग किया जा रहा है। इसके कारण मनुष्य और जीवसृष्टि में रोग बढ़ रहे हैं। इनसे मुक्त होने के लिए किसान पंचगव्य और देशी गाय आधारित प्राकृतिक कृषि की ओर बढ़ें।

रासायनिक खेती के विपरीत असर, खेती में कीटनाशकों के कारण जहरीले प्रभाव और उससे होने वाले दुष्परिणामों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गाय आधारित प्राकृतिक कृषि ही रासायनिक खेती के दुष्परिणामों से बचने का सबसे बढ़िया विकल्प है। रासायनिक कृषि को प्रकृति के साथ ही मानवजाति के लिए कष्टदायक बताते हुए उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती किसानों के लिए तो नुकसानदेह है ही, ग्लोबल वार्मिंग के लिए भी जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा कि खेती में यूरिया, डीएपी, कीटनाशकों के उपयोग से जमीन की उत्पादकता क्षीण होती ही है। साथ ही समाज में कैंसर, डायबिटीज और हृदयरोग जैसी भयानक बीमारियां भी फैल रही हैं। इस विषचक्र से किसानों और मानवजाति को प्राकृतिक कृषि ही बचा सकती है। प्राकृतिक कृषि के विषय पर अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कई उदाहरण देकर प्राकृतिक कृषि के महत्व को समझाया। प्राकृतिक कृषि किस प्रकार की जा सकती है, जीवामृत- घनजीवामृत और प्राकृतिक खाद किस तरह से बनायी जाती है और देशी गाय के उपयोग से प्राकृतिक कृषि कैसी की जाती है। इसकी

विस्तृत जानकारी दी।

राज्यपाल ने प्राकृतिक कृषि को किसानों और खेती के साथ ही समग्र मानवजाति के सर्वांगीण विकास और अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण और आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि से जल, जमीन और पर्यावरण की रक्षा होती है। देशी गाय और प्राकृतिक कृषि को एक-दूसरे का पूरक करार देते हुए उन्होंने कहा कि देशी गाय आधारित प्राकृतिक कृषि से देशी गाय का जतन-संवर्धन भी होता है। स्वास्थ्यप्रद कृषि उत्पादन प्राप्त करने से लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा भी होती है। उन्होंने कहा कि गाय आधारित प्राकृतिक कृषि से उत्पादित कृषि उत्पादों का मूल्य ज्यादा मिलता है और कृषि खर्च नहीं के बराबर होने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत बनती है।

उन्होंने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प प्राकृतिक कृषि से ही पूरा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के सक्षम नेतृत्व में राज्य सरकार प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम से पहले राज्यपाल ने गौ पूजा की। गाय आधारित प्राकृतिक कृषि से उत्पादित वस्तुओं, पंचगव्य उत्पादित वस्तुओं और कृषि औजारों के स्टॉल का उन्होंने निरीक्षण किया। इस अवसर पर कलेक्टर अतुल गौर, जिला विकास अधिकारी सुश्री ममता हीरपरा, जिला पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद, डभोई के प्रांत अधिकारी योगेश कपासे, जिला खेतीबाड़ी अधिकारी सहित कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, गांव के सरपंच, उप-सरपंच, स्थानीय अग्रणी, संतगण, प्रगतिशील किसान और बाणज के ग्रामीण भी उपस्थित रहे।

अनिल श्रवण

वार्ता

image