रांची, 23 सितंबर (वार्ता) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों के लिए अपना भविष्य गढ़ने का वाहक बनेगा।
श्री सोरेन ने गुरुवार को कहा कि ये सभी इंग्लैंड और आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे। बुधवार को मंत्रालय में इन छात्रों और उनके माता-पिता के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री सोरेन और मंत्री चाम्पाई सोरेन ने इन स्कॉलरशिप पाने वाले छात्रों को सम्मानित कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा आज झारखण्ड के 6 आदिवासी बच्चे उच्च शिक्षा के लिए यूनाइटेड किंगडम जा रहें हैं। इन्हें यह मौका मिलना चाहिए था। सरकार का लक्ष्य 10 बच्चों के चयन का था, लेकिन अब आनेवाले दिनों में 10 से अधिक बच्चों का चयन कर उन्हें विदेश में उच्च शिक्षा देने का अवसर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में उच्च शिक्षा के लिए 10 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। बजट में बचने वाली राशि का समायोजन अगले वित्तीय वर्ष में विभाग करें ताकि अधिक से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर विदेश में मिल सके। राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के उद्यमियों को उद्योग स्थापना में भी सहयोग दे रही है। झारखण्ड औधोगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 में इन वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार से भी इन वर्गों को टैक्स में राहत देने का आग्रह सरकार द्वारा किया गया है। आज हम भौतिकवादी युग में जी रहें हैं। आदिवासी वर्ग शैक्षिक रूप से पीछे रहें हैं। राज्य सरकार इस पर लगातार मंथन कर रही है कि कैसे वंचित, कमजोर, दलित, पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिए कार्य किया जाए। सरकार इन वर्गों के लिए सदैव खड़ी है।
विनय
जारी वार्ता