राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 14 2020 9:08PM जुवेनायल जस्टिस बोर्ड के अध्यक्ष का चयन जल्द करे सरकार: उच्च न्यायालय
प्रयागराज 14 अक्तूबर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को हर जिले में जुवेनायल जस्टिस बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यो का यथाशीघ्र चयन करने का निर्देश दिया है और कहा है कि भविष्य में पद खाली होने से छह महीने पहले ही चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाय।
न्यायालय ने कहा है कि बोर्ड का न होना संविधान के अनुच्छेद 15(3) एवं संयुक्त राष्ट्र संघ की बाल अधिकार संधि का खुला उल्लंघन है। न्यायालय ने आशा व्यक्त की है कि सरकार जुवेनायल जस्टिस एवं चाइल्ड वैलफेयर एक्ट के प्रावधानों के अनुसार अपना दायित्व निभायेगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने ईश्वरी प्रसाद तिवारी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा कि 11 दिसम्बर 1992 को भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ की बाल अधिकार संधि को स्वीकार किया। संविधान में बच्चों को समाज की रीढ बताते हुए राज्य को इनके अधिकारों की रक्षा करने का निर्देश दिया गया है। कई बार कानून में बदलाव किया गया और 2015 में जुवेनायल जस्टिस ( केयर एण्ड प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन) एक्ट 2015 लागू किया गया है जिसके तहत हर जिले में जुवेनायल जस्टिस बोर्ड का गठन किया जाना है।
सरकार ने 14 दिसम्बर 2016 को हर जिले में कमेटियां गठित की । उनका टर्म समाप्त होने के बाद नियमित चयन होने तक तदर्थ व्यवस्था की गयी है और पूर्व न्यायमूर्ति वी एन माथुर की चयन कमेटी बनायी है। 31 जनवरी 21 तक चयन प्रक्रिया पूरी करने की जानकारी दी गयी है। इससे पहले भी सरकार की तरफ से लखनऊ पीठ को जून 20 तक चयन पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। कोरोना के कारण चयन पूरा नही हो सका।
सं प्रदीप
वार्ता