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बाढ़ प्रभावितों की तत्परता से की जा रही सहायता: शिवराज

बाढ़ प्रभावितों की तत्परता से की जा रही सहायता: शिवराज

भोपाल, 30 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित लोगों की तत्परता से सहायता की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत के प्रयासों को अंजाम दिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से करीब 8000 लोगों को सुरक्षित कर दिया गया है।

आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान ने बताया कि किसी की जान का नुकसान नहीं होने दिया गया है। नौकाएं भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए सक्रिय हैं। भोपाल कमिश्नर सहित अन्य अधिकारी भोपाल संभाग के बाढ़ प्रभावित इलाकों की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। राहत के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को मध्यप्रदेश की स्थिति से अवगत करवाया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। अतिवर्षा, बाढ़ पर निरंतर नजर रखी जा रही है। आपदा राहत के कार्य चल रहे हैं। कहीं भी किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ है। प्रदेश के करीब 400 ग्राम बाढ़ से प्रभावित है। आवश्यकतानुसार सेना का सहयोग भी लिया जा रहा है। नर्मदांचल के कुछ हिस्सों में 20 वर्ष पूर्व हुई अतिवर्षा का रिकार्ड टूटा है।

श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक राहत कार्य संचालित किए जा रहे हैं। बचाव दल सक्रिय हैं। प्रदेश में जान का नुकसान नहीं होने दिया गया है। वर्ष 1999 की बाढ़ का रिकॉर्ड टूटा है।

उन्होंने आमजन से अपील की कि से पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें। बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि सहयोग का हाथ बढ़ाएं। बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन वस्त्र और अन्य सहायता प्रदान करने में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि बालाघाट जिले में जो बाढ़ प्रभावित ग्राम कुलमी के निवासी हैं। इन्हें एअरलिफ्ट कर लिया गया है। बालाघाट जिले के 3 लोगों को एअरलिफ्ट किया गया है, होशंगाबाद जिले के कुछ गांवों बांद्राभान आदि में आर्मी और एनडीआरएफ की टीम उनको निकालेगी। सीहोर जिले में भी कुछ गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। प्रशासन लगातार उनके संपर्क में बना हुआ जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ की टीम के साथ आर्मी के जवान हमारी मदद करेंगे। आर्मी के कॉलम नसरुल्लागंज और शाहगंज को बेस बनाकर आसपास के लोगों की मदद करेंगे।

श्री चौहान ने बताया कि एक राहत की बात यह है कि बारिश अभी कहीं-कहीं थमी है, बांधों से भी डिस्चार्ज थोड़ा कम हुआ है और नर्मदा का जलस्तर धीरे-धीरे कम होना प्रारंभ हुआ है। लेकिन हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे सभी बाढ़ से घिरे गांव के बहनों और भाइयों से अपील करते हैं कि प्रशासन के कहने पर कृपया करके वह बाहर जरूर निकाल आएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका आग्रह है प्रशासन निकलने का कहे तो तुरंत निकलना है, अभी भी बारिश हो सकती है। डैम भरे हुए हैं, ऐसी स्थिति में फिर बाढ़ की स्थिति बन सकती है। बाढ़ है पानी भी बढ़ सकता है, इसलिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है। कोरोना कॉल में भी राहत शिविरों में हम यथासंभव बेहतर से बेहतर व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन आपके सहयोग की जरूरत है।

बघेल

वार्ता

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