जयपुर 07 मई, (वार्ता) राजस्थान में हॉकी वाली सरपंच के नाम से मशहूर नीरू यादव के सहयोग से जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने 'हेलमेट को न समझे बोझ, गलत है ये सोच' के महत्वपूर्ण संदेश के साथ रविवार को जयपुर शहर में सड़क सुरक्षा अभियान का आयोजन किया।
अभियान का उद्देश्य दोपहिया वाहन चालकों के बीच हेलमेट के अनिवार्य उपयोग की जागरूकता फैलाना और जिम्मेदार ड्राइविंग की आदतों को बढ़ावा देना था। इस पहल के तहत आयोजकों ने शहर में दोपहिया चालकों को आईएसआई मार्क के 100 हेलमेट वितरित किये।
यह आयोजन जयपुर ट्रैफिक पुलिस मुख्यालय, अजमेरी गेट के यादगार में हुआ, जहां ट्रैफिक पुलिस के उपायुक्त प्रह्लाद सिंह कृष्णैया और लंबी अहीर, बुहाना, झुंझुनू ज़िले की सरपंच नीरू यादव ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ सड़क सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम में श्री कृष्णैया ने सड़क सुरक्षा और जीवन की रक्षा में हेलमेट की भूमिका के बारे में बताया ।
उन्होंने कहा "हमें खुशी है कि समाज के लिए प्रेरणास्रोत श्रीमती नीरू यादव हमारे साथ सड़क सुरक्षा के इस प्रयास में शामिल हुई। इस तरह की साझेदारियों के माध्यम से, हम समुदाय में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं और सभी वाहन चालकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा दे सकते हैं।"
गैर सरकारी संगठन आदित्री फाउंडेशन की चैयरमैन एवं ग्राम पंचायत लाम्बी अहीर की सरपंच नीरु यादव ने ड्राइविंग के दौरान ड्राइवर की व्यक्तिगत जिम्मेदारी की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा "सड़क सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है, और यह हम में से प्रत्येक के साथ शुरू होती है। हेलमेट पहनने और ट्रैफिक के नियमों का पालन करने से हम न केवल खुद की रक्षा करते हैं बल्कि अपने परिवारों को भी आने वाली मुसीबतों से बचाते है। आइए हम सभी ट्रैफिक के नियमों की पालना को प्राथमिकता देने का संकल्प लें। सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार ड्राइविंग के लिए जयपुर को एक आदर्श शहर बनाएं।"
इस अभियान के दौरान दोपहिया वाहन चालकों को 100 उच्च गुणवत्ता वाले आईएसआई मार्क वाले हेलमेट वितरित किए गए। हेलमेट उन दुपहिया चालकों को दिए गए जिनको सड़क सुरक्षा में लापरवाह पाया गया और बिना हेलमेट ही वाहन चला रहे थे। प्रत्येक हेलमेट के साथ आवश्यक सड़क सुरक्षा दिशानिर्देशों की पत्रिका भी प्रदान की गई जिससे उन्हें ट्रैफिक के नियमों से अवगत कराया जा सके। दोपहिया चालकों को हेलमेट भेंट करके अभियान का उद्देश्य सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और शहर की सड़कों पर दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या को कम करना है।
जोरा
वार्ता