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आईआईएम उदयपुर ने सार्वजनिक नीति और विकास के क्षेत्र में रिसर्च को संयोजित करने के लिए कम्युनिटी के साथ किया समझौता

आईआईएम उदयपुर ने सार्वजनिक नीति और विकास के क्षेत्र में रिसर्च को संयोजित करने के लिए कम्युनिटी के साथ किया समझौता

उदयपुर, 03 जनवरी (वार्ता) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ उदयपुर (आईआईएमयू) के सेंटर फॉर डेवलपमेंट पॉलिसी एंड मैनेजमेंट (सीपीडीएम) ने नई दिल्ली स्थित पब्लिक पॉलिसी थिंक-टैंक और रिसर्च ऑर्गनाइजेशन कम्युनिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौता सार्वजनिक नीति और विकास सलाहकार क्षेत्र में रिसर्च और कंसल्टेंसी को एक साथ लाने का प्रयास करता है।आईआईएम उदयपुर के निदेशक प्रोफेसर अशोक बनर्जी और कम्युनिटी के फाउंडर प्रत्यूष प्रभाकर ने साझा तौर पर रिसर्च और परामर्श कार्य के लिए मार्ग प्रशस्त करने के मकसद के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

आईआईएमयू के सभी एमबीए छात्र पॉलिसी-ओरिएंटेड ऐसे रिसर्च से लाभान्वित होंगे जो आने वाले वर्षों में सीडीपीएएम और कम्युनिटी द्वारा किए जाएंगे।

आईआईएमयू कैम्पस में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और इस अवसर पर प्रोफेसर सौरभ गुप्ता और सीडीपीएम के सह-प्रमुख प्रोफेसर दीना बनर्जी और कम्युनिटी की को-फाउंडर दिव्या सिंह भी शामिल हुए। इस समझौते के बाद साझा तौर पर रिसर्च और कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव और मूल्यांकन जैसे नए क्षेत्रों में भी रिसर्च की राह खुलेगी।

आईआईएमयू के सीडीपीएम और कम्युनिटी मिलकर सरकारी क्षेत्र, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय विकास एजेंसियों, और अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय एनजीओ की नीतिगत जरूरतों को पूरा करेंगे।

प्रो. बनर्जी ने कहा, ‘‘सामुदायिक विकास और प्रभाव मूल्यांकन के लिए प्रतिबद्ध एक संस्था के रूप में यह साझेदारी दरअसल हमारे एक बड़े उद्देश्य का एक हिस्सा है, जिसमें हम इम्पैक्ट, सस्टेनेबिलिटी और डेवलपमेंट पर पूरा फोकस करते हैं। कम्युनिटी एक प्रोफेशनल संगठन के तौर पर काम करता है और इसने विभिन्न सरकारी परियोजनाओं पर प्रभावी काम किया है। यह समझौता ज्ञापन हमें सार्वजनिक नीति और विकास क्षेत्र से संबंधित एक मजबूत शुरुआत करने और पूरी तरह फोकस्ड रिसर्च और नीति-निर्माण करने में हमारी सहायता करेगा। यह समझौता ज्ञापन उद्योगों, राष्ट्र और समाज को एक बेहतर दिशा में परिवर्तन के लिए प्रेरित करेगा। भविष्य में हम आपसी हितों के अन्य क्षेत्रों को लेकर भी आगे बढ़ने का प्रयास करते रहेंगे।’’

जोरा

वार्ता

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