नयी दिल्ली, 16 सितम्बर (वार्ता) भारत के 30 महिला एवं पुरुष फ्रीस्टाइल और ग्रीको रोमन पहलवान 17 से 23 सितंबर तक स्लोवाकिया में आयोजित जूनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप (अंडर-20) में 17 साल का स्वर्ण पदक का सूखा समाप्त करने के इरादे से उतरेंगे।
भारतीय जूनियर पहलवानों ने पेरिस में हुई पिछले साल हुई चैंपियनशिप में पुरुष फ्री स्टाइल, ग्रीको रोमन और महिला तीनों वर्गों में एक एक कांस्य पदक जीता था जबकि इससे पहले तीन साल तक भारत का हाथ खाली रहा था।
भारत ने इस चैम्पियनशिप में आखिरी बार स्वर्ण पदक 2001 में बुल्गारिया के सोफिया में आयोेजित टूर्नामेंट में जीता था। उस टूर्नामेंट में भारत ने दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे। तब से भारत के हिस्से स्वर्ण नहीं आया है।
भारत के जू्नियर खिलाड़ियों के लिए यह बड़ा टूर्नामेंट है जो हाल ही में इंडोनेशिया के जकार्ता में खेले गए एशियाई खेलों स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के नक्शे कदम पर चलने की कोशिश में हैं। ऐसे में दीपक पुनिया, सचिन राठी और संदीप सिंह मान से देश को काफी उम्मीदें हैं।
ग्रीको रोमन हालांकि भारत की कमजोरी रही है, लेकिन इस वर्ग में देश को साजन से काफी उम्मीदें हैं जिन्होंने पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में 77 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। अन्य भारवर्ग में विजय सागर, सौरभ से भी उम्मीदें रहेंगी।
महिला वर्ग में 2018 एशियन कैडेट स्वर्ण पदक विजेता और 2017 कैडेट वर्ल्ड चैम्पियन अंशू पर भी सभी की नजरें होंगी।