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कोरोना से बचाव की रणनीति पर कार्य करना आवश्यक: शिवराज

कोरोना से बचाव की रणनीति पर कार्य करना आवश्यक: शिवराज

भोपाल, 05 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने इससे बचाव के लिए आवश्यक उचित व्यवहार का पालन और उसका प्रचार-प्रसार करना आवश्यक है, जिसके लिए सामुदायिक भागीदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान कोरोना पर पुनरीक्षित रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए आज यहां मंत्रालय में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से बचाव और जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए पुनरीक्षित गाइड लाइन का क्रियान्वयन आवश्यक है। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने बचाव के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का आवश्यक रूप से पालन करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन खुलने और जीवन सामान्य होने के साथ-साथ कोविड का प्रसार संभावित है। इससे बचाव के लिए पॉजीटिव और संभावित रोगी केन्द्रित रणनीति पर कार्य करना आवश्यक है। अब पॉजीटिव रोगी के द्वारा उसके उपचार में सहयोग और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में रोगी और उसके परिवार की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। पॉजीटिव रोगी को पूरी जानकारी लिखित में उपलब्ध कराने के लिए ब्राउशर प्रदान किया जाएगा। बिना लक्षण वाले अथवा मंद लक्षण वाले पॉजीटिव रोगियों के लिए होम आइसोलेशन को प्रोत्साहित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इन रोगियों की बेहतर मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तर पर कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा। कोरोना से बचाव के लिए सतर्क रहने के उद्देश्य से पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर के उपयोग और सार्थक लाइट एप डाउनलोड करने को प्रोत्साहित किया जाएगा।

होम आइसोलेशन मरीजों से सेंटर में तैनात डॉक्टर दिन में दो बार आवश्यक रूप से वीडियो कॉल कर स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे। इन केन्द्रों पर एम्बुलेंस अनिवार्यत: रहेगी। किसी भी रोगी का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उसे तत्काल अस्पताल शिफ्ट किया जाएगा। संभावित व्यक्तियों के सेम्पल संग्रहण के लिए फीवर क्लीनिक को प्राथमिक स्त्रोत के रूप में विकसित किया जाएगा। अब घर-घर जाकर सेम्पल संग्रहण की प्रक्रिया बंद होगी। फीवर क्लीनिक पर जाँच तथा सलाह की सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

श्री चौहान ने कहा कि लॉकडाउन-4 के प्रावधान अनुसार दुर्गा उत्सव आयोजन में अधिकतम एक सौ व्यक्तियों की उपस्थिति की स्वीकृति होगी, परंतु कोरोना से बचाव की सभी सावधानियों जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क तथा सेनेटाइजर का उपयोग अनिवार्यता: सुनिश्चित करना होगा। दुर्गा विसर्जन के संबंध में समयानुसार गाइड लाइन जारी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के उपचार के लिए निजी चिकित्सा संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। निजी चिकित्सालयों के द्वारा कोविड-19 मरीजों का इलाज 29 फरवरी 2020 अथवा उसके पूर्व अधिसूचित रेट लिस्ट अनुसार ही किया जाएगा। किसी भी स्थिति में अस्पताल इस दर में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं कर सकेंगे। कोविड-19 की आगामी महीनों में संभावित स्थिति को देखते हुए शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में उपयुक्त बेड, ऑक्सीजन आपूर्ति, उपकरण तथा प्रबंधन में निरंतर क्षमता संवर्धन का कार्य किया जाएगा।

इसके लिए प्रत्येक जिले का केपेसिटी एडीशन प्लान बनाकर जिला कलेक्टर्स को उपलब्ध कराया गया है। स्वास्थ्य संस्थान कोविड रोगियों के चिकित्सकीय प्रबंधन से संबंधित अपने अनुभव तथा प्रशिक्षण संबंधी जानकारी परस्पर साझा करेंगे। रोगियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे। कोविड-19 के संभावित या पॉजीटिव ऐसे रोगी जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं या जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है, उन्हें विशेष चिकित्सकीय निगरानी में रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए संस्थागत क्वारेंटाइन और सघन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया जारी रहेगी। वीडियो कान्फ्रेंस में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने जानकारी दी कि होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल जारी किया गया है। जिसका पालन सुनिश्चित कराना समस्त कलेक्टर्स की जिम्मेदारी होगी। श्री सुलेमान ने रेपिड एंटीजन टेस्टिंग को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तथा लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी वी.सी. से सम्मिलित हुए। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बघेल

वार्ता

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