राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 28 2022 7:06PM झांसी मंडलायुक्त बने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में डी़ लिट के शोधार्थी
झांसी 28 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के झांसी मंडलायुक्त डॉ़ अजय शंकर पांडेय ने यहां बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में डी़ लिट के शोधार्थी के रूप में नामांकन कराया है।
डॉ़ पांडेय का 36 साल का सेवाकाल 31 जुलाई को समाप्त होने जा रहा है । सेवानिवृति के बाद जीवन की दूसरी पारी शुरू करने पर यकीन करने वाले झांसी मंडलायुक्त ने इस सोच को चरितार्थ करते हुए यहां स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एक शोधार्थी के रूप में नयी पारी की शुरूआत की है। उन्होंने “ उत्तर प्रदेश में भू-प्रबंधन तंत्र:एक अध्ययन ( विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र के परिपेक्ष्य में) विषय को शोध के लिए चुना है।
सेवानिवृति के बाद शुरू होने वाली शोधार्थी के रूप में अपनी नयी पारी के बारे में बताते हुए डॉ़ पांडेय ने गुरूवार को कहा कि उन्होंने अपने एक साल से अधिक के झांसी मंडल के आयुक्त के कार्यकाल में यह अनुभव किया है कि भूमि सम्बन्धी जो भी विधियां लिखी गयी हैं उनको व्यवहारिक धरातल पर और प्रभावशाली बनाने के लिए शोध अत्यन्त आवश्यक है। शोध में भूमि प्रबन्ध के व्यवहारिक पक्ष में आ रही कमियों को न केवल चिन्हित किया जायेगा बल्कि उसके समाधान भी दिया जायेगा। इस अध्ययन में कुल 31 ऐसे भूमि प्रबन्ध सम्बन्धी विषयों पर कार्य किया जाना है, जिससे असली भूस्वामी को उसका हक मिल सके, उसकी भूमि पर कोई भूमाफिया नजर न उठा सके और अदालती कार्रवाई का सहारा लेकर कोई धोखा-धड़ी न कर सके।
गौरतलब है कि डॉ़ पांडेय ने इसके पहले 20वीं शदी के पूर्वाद्ध में “ यूपी में अपराध की स्थिति और पुलिस” विषय पर शोध किया था, जिसके लिए उन्हें पीएचडी की डिग्री प्राप्त हुयी थी। मंडलायुक्त के इस भूमि प्रबन्ध के शोध के निष्कर्षो से बुन्देलखंड क्षेत्र में सक्रिय भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने में भारी मदद मिलेगी।
जिला सरकारी वकील प्रदीप सक्सेना ने कहा कि कि मंडलायुक्त के द्वारा प्रशासनिक अनुभव और राजस्व न्यायालयों के कार्यो की समझ की विशिष्ट क्षमता है, इससे निश्चय ही तमाम बाधाओं को दूर करने और लोगों को वास्तविक न्याय दिलाने में डॉ़ पांडेय की यह थीसिस गरीब जनता को न्याय दिलाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
सोनिया
वार्ता