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मध्यप्रदेश में बनाई जाएगी अगरबत्ती की काड़ी -कमलनाथ

मध्यप्रदेश में बनाई जाएगी अगरबत्ती की काड़ी -कमलनाथ

भोपाल, 29 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज बताया कि विदेशों से 800 करोड़ की आयात की जाने वाली अगरबत्ती की काड़ी अब मध्यप्रदेश में ही बनाई जाएगी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आई.टी.सी. कंपनी इसके लिए प्रदेश के अगरबत्ती की काड़ी बनाने का प्लांट स्थापित करेगी। श्री कमलनाथ की आज मंत्रालय में आइ.टी.सी. कंपनी के चेयरमेन संजीव पुरी एवं सीईओ चितरंजन दास के साथ इस संबंध में चर्चा हुई। इस प्लांट के लगने से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इससे व्यापक पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश के 3 लाख 70 हजार बिगड़े वनों में पंचायत एवं वन समितियों से अच्छे किस्म के बाँस के पौधों का रोपण भी करवाया जाएगा।

श्री कमलनाथ ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले के तामिया में केंसर के उपचार के लिए वनौषधियों की पहचान कर उनका दवाओं में उपयोग के लिए प्र-संस्करण इकाई लगाई जाए। उनकी मध्यप्रदेश में औषधीय फसलों के लिए 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता का डीहाइड्रेशन प्लांट लगाने के संबंध में भी चर्चा हुई।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगरबत्ती के लिए उपयोग होने वाली काड़ी के लिए प्रदेश बिगड़े वनों का उपयोग कर बाँस की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा और विदेशों में जाने वाली 800 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश को मिलेगी। इससे प्रदेश ग्रामीणों को बड़ी मात्रा में रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा फूड प्रोसेसिंग यूनिट के विस्तार से हम किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिला सकेंगे और इससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

आई.टी.सी. कंपनी के चेयरमेन श्री पुरी ने बताया कि औषधि फसलों की खेती करने वाले किसानों को साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर बाई-बेक व्यवस्था के साथ खरीदी कर इन उत्पादों का प्र-संस्करण किया जाएगा। नूडल्स में उपयोग होने वाली सब्जी गाजर, मटर, बींस और आलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया जायगा। बाई-बेक व्यवस्था से किसानों को इन सब्जियों का उचित मूल्य प्राप्त होगा।

श्री कमलनाथ ने औषधीय फसलों अगरबत्ती की काड़ी बनाने एवं सब्जी आदि की प्र-संस्करण ईकाई स्थापित करने संबंधी प्रस्तावों को समयबद्ध योजना बनाकर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही के लिए अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग को इसका नोडल अधिकारी बनाया है।

विश्वकर्मा

वार्ता

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