नयी दिल्ली 19 अगस्त (वार्ता) उद्योग संगठन एसोचैम ने अपने सदस्यों से केरल में आयी प्राकृतिक आपदा में खुलकर मदद करने की अपील करते हुये कहा है कि वहां आयी भयंकर बाढ़ से न सिर्फ 15 से 20 हजार करोड़ रुपये की तात्कालिक आर्थिक क्षति हुई है बल्कि इसका प्रभाव अगले कुछ माह तक पर्यटन, खेती और व्यापार पर रहेगा।
संगठन के मुताबिक केरल की बाढ़ ने लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है। इससे नगदी फसल और कोच्चि तथा अन्य बंदरगाहों के जरिये होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी क्षति हुई है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के आठ लाख करोड़ रुपये में पर्यटन के साथ ही कृषि का भी 10-10 फीसदी योगदान है। केरल में मुख्य रूप से चावल, काली मिर्च, इलायची, काजू, चाय, कॉफी और नारिसल का उत्पादन होता है। इसके अलावा आंतरिक और विदेशी व्यापार का भी इसमें काफी योगदान होता है। विदेशी व्यापार में नगदी फसलों और अन्य औद्योगिक उत्पादों तथा सेवाओं का निर्यात शामिल है। इसके अलावा कोच्चि तथा अन्य तीन अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों की गतिविधियां भी विदेशी व्यापार के तहत आती हैं। बाढ़ से पूरी अर्थव्यवस्था चर्रमर्रा गयी है।
संगठन के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि परूर्न और नगदी फसल केरल के लिये जीवनदायिनी हैं। जब इन दोनों पर लंबे समय तक कुप्रभाव रहेगा तो इससे लाखों लोगों को जिंदगी में नयी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। हम अपने सदस्याें से अपील करते हैं कि वे राहत कार्य में खुल कर योगदान करें।