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मारन बंधू सीबीआई अदालत में फिर हुए पेश

मारन बंधू सीबीआई अदालत में फिर हुए पेश

चेन्नई, 30 जनवरी (वार्ता) पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन और उनके बड़े भाई, कलानिधि मारन 1.78 करोड़ रुपये के अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के मामले में आरोप गठित होने को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के समक्ष बुधवार को पेश हुए।

जब यह मामला सीबीआई के विशेष न्यायाधीश आर वसंता की अदालत के समक्ष पेश हुआ तो मारन बंधुओं तथा अन्य के वकील ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि उसमें मिली छूट के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध आरोपों का गठन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीबीआई की ओर से एकत्र की गई सामग्रियों को आरोपियों को भी दिखया जाना चाहिए और उनसे पहले स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए।

सीबीआई की विशेष अदालत ने मारन बंधू और पांच अन्य के विरुध साक्ष्य नहीं मिलने के कारण 14 मार्च 2018 को आरोप मुक्त कर दिया था। लेकिन बाद में मद्रास उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के मारन बंधुओं के खिलाफ नये सिरे से आरोप गठित करने के बाद फिर से यह मामला विशेष अदालत के समक्ष आया है और इसी कारण मारन बंधुओं और पांच अन्य लोगों को आज विशेष अदालत में फिर से पेश होना पड़ा।

इस मामले के अन्य आरोपियों में श्री मारन के निजी सचिव रहे वी गौथामन, बीएसएनएल के पूर्व मुख्य महा प्रबंधक के ब्रह्मनाथन, पूर्व उप मुख्य महा प्रबंधक एम पी वेलुसामी, सन टीवी नेटवर्क के प्रमुख तकनीकी अधिकारी एस कन्नन और बिजलीकर्मी के एस भी शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी 409, 467 तथा 471 और धारा 13 (2) के तहत साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की 13 (1) (सी) और (1) (डी) के तहत इन पर मामला दर्ज किया गया है।

उल्लेखनीय है कि अवैध रूप से दूरसंचार केन्द्र स्थापित करने के आरोप में सीबीआई ने उनके खिलाफ 23 जुलाई 2013 को मामला दर्ज किया था। चेन्नई में श्री दयानिधि मारन के आवास पर आईएसडीएन / लीज्ड लाइन सेवा श्रेणी के तहत सेवा स्थापित की गयी लेकिन उसी अवधि के दौरान यानी 2004 से 2007 तक बिल तक नहीं बनाये गये। जिससे सरकारी खजाने को 1.78 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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