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जमुई में राजग के बागी मुकबाले को बना रहे त्रिकोणीय

जमुई, 23 अक्टूबर (वार्ता) बिहार में टिकट कटने से बागी हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव में जमुई जिले की सभी चार जमुई, झाझा, चकाई और सिकंदरा (सुरक्षित) सीट पर निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी के टिकट पर मैदान में उतर आए हैं और मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।
इस बार जमुई सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जय प्रकाश यादव के भाई और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी विजय प्रकाश यादव और भाजपा के टिकट पर पहली बार चुनावी रण में निशाना साधने उतरीं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पुत्री एवं अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। लेकिन, भाजपा से टिकट नहीं मिलने से बागी हुए पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र अजय प्रताप राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के सहारे इस सीट पर मुकाबले को त्रिकाणीय बना रहे हैं। वर्ष 2015 के चुनाव में निवर्तमान विधायक विजय प्रकाश ने श्री सिंह को 8240 मत के अंतर से पराजित किया था। इस विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 94 हजार 650 मतदाता 12 पुरुष और दो महिला समेत 14 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। एक लाख 56 हजार 322 पुरुष और एक लाख 38 हजार 317 महिला तथा 11 अन्य शामिल हैं।
झाझा सीट से वर्ष 2015 में भाजपा के टिकट पर डाॅ. रवीन्द्र यादव ने जदयू उम्मीदवार दामोदर रावत को 22086 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस बार राजग में सीटों के तालमेल के तहत झाझा सीट जदयू के खाते में चली गई है। जदयू ने एक बार फिर से श्री रावत पर भरोसा जताते हुये उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर राजद के राजेन्द्र प्रसाद चुनावी संग्राम में मुकाबले को रोचक बनाने में लगे हुये हैं। वहीं, भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर डाॅ. रवीन्द्र यादव लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में शामिल हो गये और इस सीट से चुनावी रणभूमि में उतर आये हैं और मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। झाझा विधानसभा क्षेत्र से 10 पुरुष अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इस सीट पर कोई महिला प्रत्याशी नहीं है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या तीन लाख 15 हजार 691 है, जिनमें एक लाख 66 हजार 654 पुरुष और एक लाख 49 हजार 35 महिला तथा दो अन्य शामिल हैं।
चकाई सीट से राजद की टिकट पर निवर्तमान विधायक सावित्री देवी फिर से ताल ठोंक रही है। वहीं, जदयू ने संजय प्रसाद को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2015 में राजद की सावित्री देवी ने निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह के पुत्र सुमित कुमार सिंह को 12113 मतों के अंतर से परास्त किया था। बाद में श्री सिंह जदयू में शामिल हो गये थे। एक बार फिर जदयू से टिकट कटने से श्री सिंह अब निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रणभूमि में उतर आये हैं। इस तरह चकाई सीट पर भी त्रिकोणीय जंग होगी। चकाई सीट पर 11 पुरुष और दो महिला समेत 13 प्रत्याशी चुनावी समर में अपना भाग्य आजमां रही हैं।यहां कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख 86 हजार 739 है, जिनमें एक लाख 52 हजार 176 पुरुष और एक लाख 34 हजार 459 महिला तथा 14 अन्य शामिल हैं।
सिकंदरा (सु) सीट से महागठबंधन की ओर से कांगेस प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक सुधीर कुमार सिंह उर्फ बंटी चुनावी दंगल में फिर से किस्मत आजमां रहे हैं। वहीं राजग के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे प्रफुल्ल कुमार मांझी कांग्रेस विधायक को चुनौती दे रहे हैं। वहीं, जदयू से टिकट कटने के बाद पूर्व मंत्री रामेश्वर पासवान निर्दलीय चुनावी अखाड़े में उतर आये हैं और मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के सुधीर कुमार सिंह ने लोजपा के सुभाष चंद्र बोस को 7990 मतों से हराया था। इस विधानसभा क्षेत्र में 14 पुरुष और एक महिला समेत 15 प्रत्याशी हैं, जिनमें भाग्य का फैसला कुल दो लाख 88 हजार 358 है मतदाता करेंगे। मतदाताओं में एक लाख 51 हजार 760 पुरुष और एक लाख 36 हजार 593 महिला तथा पांच अन्य शामिल हैं।
प्रेम सूरज
वार्ता
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