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झारखंड में महिला उत्पीड़न की त्वरित सुनवाई को 22 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन को मंजूरी

रांची, 22 जनवरी (वार्ता) बलात्कार एवं यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पोस्को) के अंतर्गत लंबित वादों की त्वरित सुनवाई एवं निष्पादन के लिए झारखण्ड में जिला एवं अपर सत्र न्यायधीश स्तर के 22 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया है।
राज्य के विधि विभाग ने शुक्रवार को पोस्को एक्ट के तहत राज्य के डालटनगंज(पलामू), धनबाद, जमशेदपुर, गढ़वा, गोड्डा, रांची और देवघर जिले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, अपर न्यायायुक्त, अपर लोक अभियोजक को नामित किया है। इसकी प्रशासनिक स्थापना के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक न्यायालय में तृतीय वर्ग एवं चतुर्थ वर्ग के सात-सात समेत कुल 154 अराजपत्रित पदों के सृजन पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लातेहार, साहेबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के गठन संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इन अधिसूचित थानों के कार्यक्षेत्र संबंधित जिला का संपूर्ण कार्यक्षेत्र होगा तथा इसमें एएचटीयू जिला के अन्य थाना क्षेत्र में अवैध मानव व्यापार से संबंधित मामले भी पंजीकृत करने के साथ अनुसंधान भी किए जाएंगे। इन इकाइयों द्वारा अवैध मानव व्यापार की रोकथाम, रक्षा एवं अभियोजन के संधारण तथा अपराध एवं अपराधियों/ गिरोहों से संबंधित पूरा ब्योरा तैयार कर रखा जाएगा। वर्तमान में आठ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट झारखण्ड में संचालित है।
विनय सतीश
वार्ता
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