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भारत की कहानी अब एक वास्तविकता है: डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (वार्ता) छोटी अवधि की संभावित चुनौतियों के बावजूद, डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स को पक्‍का भरोसा है कि भारत की कहानी (इंडिया स्‍टोरी) अब एक वास्तविकता है।
अपने वार्षिक नोट – ‘2023, इट्स ए रिलेटिव वर्ल्‍ड’, में डीएसपी का कहना है कि देश में हो संरचनात्मक बदलाव में कई घटकों से तेज़ी आ रही है जिसमें शामिल है कॉर्पोरेट्स द्वारा लाभ उठाया जाना, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में क्षमता इस्‍तेमाल में वृद्धि, इन्फ्रास्ट्रक्चर में सरकारी निवेश और अच्छी तरह पूंजीकृत बैंकिग प्रणाली। यह निवेशकों के लिए एक बड़े बदलाव और महत्वपूर्ण अवसर का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है।
इसमें उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में दो जोखिम कारक हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए: ब्याज दर और विकास। जबकि केन्द्रीय बैंकों द्वारा इस वक्त विकास की जगह महंगाई पर नियंत्रण को प्राथमिकता दी जा रही है, वहीं मंहगाई से जुड़े दबाव के कम होने के संकेत मिल रहे हैं। हो सकता है कि मार्केट द्वारा विकास में कमी आने की संभावना पर पर्याप्त रूप से विचार नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से निकट भविष्य में आगे डाउनवर्ड रिवीज़न की स्थिति आ सकती है। पुराने आंकड़ों की तुलना में भारतीय बाज़ारों के लिए मौजूदा मल्टीपल्स उच्च हैं (एमएससीआई इंडिया सूचकांक फॉरवर्ड पीई के 21 गुना स्तर पर ट्रेड कर रहा है) और इससे पहले इस स्तर पर मिले रिटर्न्स मामूली रहे हैं।
इसमें प्रमुखता से बताया गया है कि भारत और पूरे विश्व में “गुणवत्ता” कारक के लिए 2022 चुनौतीपूर्ण रहा है, विशेष रूप से अमेरिका में जहाँ साल 2008 के बाद इसने सबसे बुरे सालों में से एक का अनुभव किया है। लेकिन साल 2007 से “गुणवत्ता” कारक सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कारकों में से एक रहा है, और “वृद्धि की गतिशीलता” के बाद दूसरे नंबर पर रहा। इस बात पर गौर करना जरूरी होगा कि इससे पहले इसकी रिकवरी तेज़ होने की बजाय अक्सर धीमी रही है। इसके विपरीत “मूल्य” और “वृद्धि की गतिशीलता” वाले कारक अधिक उल्लेखनीय उतार-चढ़ाव प्रदर्शित करने की प्रवृत्ति रखते हैं। इसलिए हमें इन व्यवहारों के संबंध में अधिक सजग रहने की ज़रूरत है।
जबकि कमोडिटी कीमतों की भावी गतिविधियों, केन्द्रीय बैंक नीतियों, लिक्विडिटी के स्तर और कोविड-19 के प्रभाव के बारे में अनुमान लगाना स्वाभाविक है, वहीं डीएसपी ने नोट में यह उल्लेख किया है कि ज़्यादातर निवेशकों की सफलता पर इन कारकों का कोई महत्वपूर्ण असर नहीं होगा। इसकी बजाय निर्णायक क्षणों में महत्वपूर्ण गलतियाँ टालना, निवेश अनुशासन बनाए रखना और अस्थिरता के निश्चित स्तर के साथ ही उच्च इक्विटी रिटर्न्स प्राप्त होते हैं, इस बात को स्वीकार करने से ही बड़ा परिवर्तन होता है।
डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड के इक्विटीज प्रमुख विनित साम्ब्रे ने कहा, “यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजारों के विकास में भाग लेने का विकल्प चुन रहे हैं। इन निवेशकों के लिए हमारी सिफारिशें सरल और एक समान रही हैं: एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं। जैसा कि हमने पिछले वार्षिक नोट्स में ज़ोर देकर कहा है जैसे “चांद पाने की उम्मीद रखना” और “सिद्धांत - सबसे पहले ”, जब मूल्यांकन उच्च स्तर पर हो तो इक्विटी असेट क्लास से बाहर निकलना समझदारी की बात नहीं है। इसकी बजाय व्यावहारिक होना और यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि जब आप किसी एसेट को ऊंची कीमत पर खरीदते हैं तो मिलने वाले रिटर्न्स कम हो सकते हैं जबकि इसे कम कीमत में खरीदा जा सकता है। पोर्टफोलियो को फिर से संतुलित करना महत्वपूर्ण है ताकि आपके उद्देश्यों और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर आपके पास उपयुक्त मिले-जुले विकल्प हों। सही अपेक्षायें रखना, अनुशासन बनाए रखना और धैर्य रखना आपकी निवेश यात्रा में आपको काफी दूर लेकर जा सकता है।”
शेखर
वार्ता
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