राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Jan 25 2019 2:13PM मनोरंजन-देशभक्ति गीत दो मुंबईवर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म “आनंद मठ” का गीताबाली पर लता मंगेश्कर की आवाज में फिल्माया गीत “वंदे मातरम” आज भी दर्शकों और श्रोताओं को अभिभूत कर देता है। इसी तरह “जागृति में, हेमंत कुमार के संगीत निर्देशन में मोहम्मद रफी की आवाज में रचा बसा यह गीत ‘हम लाये हैं तूफान से कश्ती निकाल के’ श्रोताओं में देशभक्ति की भावना को जागृत किये रहता है।आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी ने कई फिल्मों में देशभक्ति से परिपूर्ण गीत गाये हैं। इन गीतों में कुछ हैं “ये देश है वीर जवानों का, वतन पे जो फिदा होगा अमर वो नौजवान होगा, अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं, उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता जिस मुल्क की सरहद की निगाहबान है आंखें, आज गा लो मुस्कुरा लो महफिले सजा लो, हिंदुस्तान की कसम न झुकेंगे सर वतन के नौजवान की कसम, मेरे देशप्रेमियों आपस में प्रेम करो देशप्रेमियों आदि।कवि प्रदीप की तरह ही प्रेम धवन भी ऐसे गीतकार के तौर पर याद किया जाता है जिनके ऐ मेरे प्यारे वतन, मेरा रंग दे बसंती चोला, ऐ वतन ऐ वतन तुझको मेरी कसम जैसे देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत गीत आज भी लोगों के दिलों दिमाग में देश भक्ति के जज्बे को बुलंद करते है। फिल्म काबुली वाला में पार्श्वगायक मन्ना डे की आवाज में प्रेम धवन का रचित यह गीत “ए मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन” आज भी श्रोताओं की आंखों को नम कर देता है। इन सबके साथ वर्ष 1961 में प्रेम धवन की एक और सुपरहिट फिल्म “हम हिंदुस्तानी” प्रदर्शित हुयी जिसका गीत “छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी” सुपरहिट हुआ।प्रेम.श्रवण जारी वार्ता