राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Jul 28 2019 12:49PM बस कंडक्टर से कॉमेडी किंग बने जॉनी वाकर.. पुण्यतिथि 29 जुलाई के अवसर पर ..मुंबई 28 जुलाई (वार्ता) बॉलीवुड में अपने जबरदस्त कॉमिक अभिनय से दर्शको के दिलो में गुदगुदी पैदा करने वाले हंसी के बादशाह जॉनी वाकर को बतौर अभिनेता अपने सपनों को साकार करने के लिये बस कंडक्टर की नौकरी करनी पड़ी थी। मध्यप्रदेश में इंदौर के एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में जन्में बदरूदीन जमालुदीन काजी उर्फ जॉनी वाकर बचपन के दिनों से ही अभिनेता बनने का ख्वाब देखा करते थे।वर्ष 1942 मे उनका पूरा परिवार मुंबई आ गया। मुंबई मे उनके पिता के एक जानने वाले पुलिस इंस्पेक्टर थे जिनकी सिफारिश पर जॉनी वाकर को बस कंडकटर की नौकरी मिल गयी । इस नौकरी को पाकर जॉनी वाकर काफी खुश हो गये कयोंकि उन्हे मुफ्त में हीं पूरी मुंबई घूमने को मौका मिल जाया करता था इसके साथ हीं उन्हें मुंबई के स्टूडियो मे भी जाने का मौका मिल जाया करता था । जॉनी वाकर का बस कंडकटरी करने का अंदाज काफी निराला था । वह अपने विशेष अंदाज मे आवाज लगाते ..माहिम वाले पेसेन्जर उतरने को रेडी हो जाओ लेडिज लोग पहले .. । इसी दौरान जॉनी वाकर की मुलाकात फिल्म जगत के मशहूर खलनायक एन.ए.अंसारी और के आसिफ के सचिव रफीक से हुयी । लगभग सात आठ महीने के संघर्ष के बाद जॉनी वाकर को फिल्म ..अखिरी पैमाने .. मे एक छोटा सा रोल मिला ।इस फिल्म मे उन्हें पारश्रमिक के तौर पर 80 रूपये मिले जबकि बतौर बस कंडकटर उन्हें पूरे महीने के मात्र 26 रूपये हीं मिला करते थे । एक दिन उस बस मे अभिनेता बलराज साहनी भी सफर कर रहे थे वह जॉनी वाकर के हास्य व्यंगय के अंदाज से काफी प्रभावित हुये और उन्होंने जॉनी वाकर को गुरूदत्त से मिलने की सलाह दी।गुरूदत्त उन दिनों बाजी नामक एक फिल्म बना रहे थे।गुरूदत्त ने जॉनी वाकर की प्रतिभा से खुश होकर अपनी फिल्म बाजी में काम करने का अवसर दिया। वर्ष 1951 में प्रदर्शित फिल्म .बाजी. के बाद जॉनी वाकर बतौर हास्य कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हो गये। फिल्म बाजी के बाद वह गुरूदत्त के पसंदीदा अभिनेता बन गये। उसके बाद जॉनी वाकर ने गुरूदत्त की कई फिल्मों मे काम किया जिनमें आरपार. मिस्टर एंड मिसेज 55 . प्यासा. चौदहंवी का चांद. कागज के फूल जैसी सुपर हिट फिल्में शामिल है। नवकेतन के बैनर तले बनी फिल्म टैक्सी ड्राइवर में जॉनी वाकर के चरित्र का नाम .मस्ताना. था। कई दोस्तों ने उन्हें यह सलाह दी कि वह अपना फिल्मी नाम मस्ताना ही रखे लेकिन जॉनी वाकर को यह नाम पसंद नही आया और उन्होंने उस जमाने की मशहूर शराब .जॉनी वाकर. के नाम पर अपना नाम जॉनी वाकर रख लिया।प्रेम टंडनजारी वार्ता