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ईडी मामले में शरद पवार ने की सियासी लाभ लेने की कोशिश

मुंबई 27 सितंबर (वार्ता) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार बिना बुलाए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जाने की घोषणा करके इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने में सफल रहे हैं तथा आगामी विधानसभा चुनाव में यह निर्णायक मोड़ भी साबित हो सकता है।
इस राजनीतिक लक्ष्य में श्री पवार को विपक्ष के अन्य दलों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। विपक्ष का मानना है कि इस मुद्दे पर 78 वर्षीय पवार के पक्ष में सहानुभूति जुटाकर भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना के पक्ष में चल रही लहर की काट ढूंढ़ी जा सकती है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी इस ताज़ा कार्रवाई के शिकार राकांपा अध्यक्ष श्री पवार बने हैं। उन्होंने कहा कि श्री पवार महाराष्ट्र के बड़े नेता हैं, इसलिए राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनको निशाना बनाकर बदनाम करने की कोशिश की गयी है।
श्री गांधी ने ट्वीट किया,“शरद पावर जी ताज़ा उदाहरण हैं जो बदले की भावना से काम करने वाली सरकार के निशाने पर आये हैं। राजनीतिक अवसर को भुनाने के मकसद से उन पर महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव से ठीक एक महीने पहले ईडी की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की गयी है।”
गौरतलब है कि श्री पवार की धन शोधन मामले में शुक्रवार को मुंबई के प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय पहुंचने की घोषणा को देखते हुए बालार्ड एस्‍टेट (जहां ईडी कार्यालय है) समेत सात थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गयी। साथ ही उनके आने के मार्ग के संभावित रास्ते पर ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही थी।
श्री पवार ने धन शोधन मामले में शुक्रवार को ईडी कार्यालय में आने की बात कही थी। इसके कारण गुरुवार को ही पुलिस ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी थी तथा एक स्थान पर चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी गयी है। इसके साथ ही ईडी के कार्यालय से संबंधित बालार्ड एस्‍टेट थाना समेत सात अन्य थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी।
श्री पवार ने ईडी कार्यालय जाने का एकतरफा फैसला किया है क्योंकि उनकी पेशी के लिए ईडी की ओर से कोई समन नहीं जारी किया है।
शुक्रवार सुबह से ही ईडी कार्यालय एवं श्री पवार के निवास स्थल के आस-पास बड़ी संख्या में एनसीपी कार्यकर्ता और समर्थक जुट गये हैं। एनसीपी कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों के खिलाफ तथा श्री पवार के समर्थन में नारे भी लगााये तथा विरोध प्रदर्शन किया।
श्री पवार ने गुरुवार को अपने सभी समर्थकों और कार्यकर्ताओं से ईडी कार्यालय के अास-पास एकत्र नहीं होने एवं शांति बनाये रखने की अपील की थी। साथ ही उन्हें पुलिस एवं जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करने और लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने देने की भी अपील की थी।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में हुए 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने श्री पवार एवं उनके भतीजे अजीत पवार सहित करीब 70 नेताओं के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। ईडी की तरफ से हालांकि बुधवार को ही स्पष्ट कर दिया गया था कि उसकी ओर से एनसीपी अध्यक्ष को कोई समन नहीं भेजा गया है।
राकांपा के कार्यालय में एक पुलिस दल स्निफर डॉग के साथ पहुंचा था। पुलिस अधिकारियों की एक टीम श्री पवार के आवास पर भी थी।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी का कहना है कि भाजपा-शिवसेना चुनाव के दौरान इस तरह की कार्रवाई करके यह जताना चाहती हैं कि सिर्फ वही पाक-साफ हैं, बाकी सब भ्रष्ट हैं।
संजय.मिश्रा.श्रवण
वार्ता
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