Saturday, Apr 27 2024 | Time 06:17 Hrs(IST)
image
राज्य » गुजरात / महाराष्ट्र


मनोरंजन-गुरूदत्त बहुआयामी दो मुंबई

प्रभात स्टूडियो के साथ किए गए अनुबंध की समाप्ति के बाद वह अपने घर मांटूगा लौट आए। इस दौरान, वह छोटी छोटी कहानियां लिखने लगे जिसे वह छपने के लिए प्रकाशक के पास भेज दिया करते थे। इसी दौरान उन्होंने 'प्यासा' की कहानी भी लिखी, जिस पर उन्होंने बाद मे फिल्म भी बनाई। वर्ष 1951 में प्रदर्शित देवानंद की फिल्म 'बाजी' की सफलता के बाद गुरूदत्त बतौर निर्देशक अपनी पचान बनाने में कामयाब हो गए। इस फिल्म के निर्माण के दौरान उनका झुकाव पाश्र्वगायिका गीता राय की ओर हो गया और वर्ष 1953 में गुरूदत्त ने उनसे शादी कर ली।
वर्ष 1952 में अभिनेत्री गीताबाली की बड़ी बहन हरिदर्शन कौर के साथ मिलकर गुरूदत्त ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया, लेकिन वर्ष 1953 मे प्रदर्शित फिल्म 'बाज' की नाकामयाबी के बाद गुरूदत्त ने स्वयं को उनके बैनर से अलग कर लिया और इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की फिल्म कंपनी और स्टूडियो बनाया जिसके बैनर तले वर्ष 1954 में उन्होंने फिल्म 'आर पार' का निर्माण किया।
'आरपार' की कामयाबी के बाद उन्होंने बाद में 'सीआईडी', 'प्यासा', 'कागज के फूल', 'चौदहवीं का चांद' और 'साहब बीवी और गुलाम' जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया।गुरूदत्त ने कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी जिनमें 'बाजी', 'जाल' और 'बाज' शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने लाखारानी, मोहन, गल्र्स होस्टल और संग्राम जैसी कई फिल्मों का सह निर्देशन भी किया।
प्रेम
जारी वार्ता
image