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विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण भी निहायत जरूरी: शर्मा

भोपाल, 19 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क मंत्री पी.सी.शर्मा ने जनपरिषद संस्था की तीन दिवसीय छठवीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ करते हुए आज कहा कि विकास के इस दौर में विकास के साथ पर्यावरण को संरक्षित किया जाना निहायत जरूरी है।
श्री शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित किए गए बिन्दुओं के अतिरिक्त दैनंदिनी जीवन को प्रभावित करने वाले पर्यावरण के सभी पहलुओं पर विचार करते हुए पर्यावरण संरक्षण के कारगर उपायों पर गंभीर विमर्श किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने उपस्थित वैज्ञानिकों और विदेशों से आए हुए प्रतिनिधि मण्डल से आव्हान करते हुए कहा कि निश्चित ही इस कॉन्फ्रेंस से अपेक्षित उत्साहवर्धक निष्कर्ष निकलेंगे जिनका लाभ लेकर पर्यावरण का बेहतर संरक्षण संभावित हो सकेगा।
श्री शर्मा ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी के साथ धर्म और अध्यात्म का गहरा संबंध आदिकाल से भारत में रहा है। हमारी संस्कृति में आज भी पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है जो कि 24 घण्टें हमें प्राण वायु देता है। अतीत में कभी नदियों में जल के शुद्धिकरण के लिए तांबें के सिक्के डाले जाते थे। वह परम्परा आज भी जारी है। पर्यावरण संरक्षण आदिकाल से भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है।
श्री शर्मा ने शुभारंभ अवसर पर जनपरिषद की कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग बुक की सीडी का अन्य अतिथियों के साथ विमोचन किया। उन्होंने दुनिया भर में 68 हजार से अधिक शो कर चुके जादूगर आनंद, मिसेज इंडिया (अर्थ) भोपाल निवासी और डॉ. संगीता सिंह और शाला त्यागी 400 बाल श्रमिकों को पुन: स्कूल में दाखिल करवाने वाली समाजसेवी माही भजनी का सम्मान किया। कॉन्फ्रेंस में शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र पढ़ें।
जनपरिषद के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी एन.के. त्रिपाठी, डीजी होमगार्ड महान भारत सागर, एडमिरल राकेश पंडित, वैज्ञानिक डॉ. ए.सुब्बाराव के साथ अमेरिका, रूस, जर्मनी, बिटेन और नेपाल से आए हुए प्रतिनिधि मंडल भी कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित हुए।
बघेल
वार्ता
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