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अपराध सांध्य लीड हत्या भाजपा खुलासा दो अंतिम बड़वानी

गृह मंत्री श्री बच्चन द्वारा घटना के दिन से ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के हाथ होने को लेकर पुलिस अधीक्षक से पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि घटना की शुरुआत से ही संदिग्ध व्यक्तियों के विरुद्ध पुलिस ने जांच आरंभ कर दी थी और इसकी जानकारी उच्च स्तर पर दी गयी थी। उन्होंने कहा कि श्री बच्चन के पास पुलिस के अतिरिक्त भी निजी तौर पर अन्य सूत्र रहे होंगे, जिसके आधार पर उन्होंने वक्तव्य दिए होंगे।
उन्होंने बताया कि ताराचंद ने 29 दिसंबर को महाराष्ट्र के चोपड़ा के मेलाने निवासी बदमाश झगड़िया को उसके दो साथियों अनिल व जीतू डाबर के साथ धवली बुलाया और मनोज ठाकरे की हत्या के लिए पांच लाख रूपए की सुपारी देना तय करके षड्यंत्र रचा। चौदह जनवरी को पुनः सभी ने मुलाकात कर योजना को अंतिम रूप दिया और इसके उपरांत ताराचंद का पुत्र दिग्विजय मुंबई चले गया, ताकि घटना में उसकी संलिप्तता स्थान के आधार पर स्पष्ट ना हो सके।
घटना के एक दिन पूर्व आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन अलग-अलग स्थानों पर रखकर बंद कर दिए, ताकि मोबाइल फोन लोकेशन से क्षेत्र में उनकी उपस्थिति का पता न चल सके। उन्होंने क्षेत्र का भ्रमण कर रेकी की और पता लगाया कि किन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। बीस जनवरी की सुबह जब मनोज ठाकरे बलवाड़ी स्थित अपने घर से प्रतिदिन की तरह सैर पर निकले, तब लौटने के दौरान आरोपियों ने उन पर कुल्हाड़ी से हमला किया और हत्या सुनिश्चित करने के लिए भारी पत्थरों से भी वार किए और फरार हो गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार समस्त आरोपियों के विरुद्ध कई प्रकरण कायम हैं। एक आरोपी रवि की चार पत्नियां और 17 बच्चे हैं। उसके पास ट्रैक्टर, कई दुपहिया वाहन हैं, लेकिन वह बीपीएल कार्ड का उपयोग करता हुआ पाया गया।
मनोज ठाकरे की हत्या के उपरांत भारतीय जनता पार्टी ने चक्काजाम कर उनके शव को नहीं उठाने दिया था और विशेष टीम के गठन के उपरांत ही पोस्टमार्टम कराया जा सका था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बलवाड़ी पहुंचे थे और उन्होंने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की थी। इसके उपरांत भारतीय जनता पार्टी ने बड़वानी जिले के कई थानों के समक्ष धरना प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की थी।
रोचक बात यह भी थी कि प्रत्येक प्रदर्शन के दौरान ताराचंद राठौर पूरे जोर-शोर से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा था। उसने आज पत्रकारों से चर्चा में इसे कांग्रेस का राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया। उसके एक अन्य रिश्तेदार तथा पूर्व सैनिक व पुलिसकर्मी तथा बंजारा समाज के नेता ओंकार आबा जाधव ने आरोप लगाया कि यह ताराचंद राठौर के खिलाफ षड्यंत्र है और इसमें क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी से जुड़े नेता या कांग्रेस के नेता भी शामिल हो सकते हैं।
सं प्रशांत
वार्ता
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