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अपराध घोटाला प्राथमिकी मप्र दो अंतिम भोपाल

ईओडब्ल्यू की ओर से मुहैया करायी गयी प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लगभग आधा दर्जन कंपनियों, निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
ईओडब्ल्यू ने यह कार्रवाई मुख्य रूप से केंद्र सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की रिपोर्ट के आधार पर की है, हालाकि जांच एजेंसी के पास इससे जुड़े और भी सबूत हैं। बताया गया है कि विभिन्न निर्माण विभागों में करोड़ों रूपयों के ठेके ई टैंडर के जरिए दिए गए हैं। इसमें कथित तौर पर पासवर्ड आदि के जरिए छेड़छाड़ कर अपने पसंद के लोगों को काम दिए गए।
माना जा रहा है कि इस कार्य में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा निजी कंपनियों के संचालकों और कंप्यूटर विशेषज्ञों ने मिलीभगत कर गड़बड़ियां कीं।
राज्य में दिसंबर 2018 के मध्य तक पंद्रह वर्षों से भाजपा का शासन था। दिसंबर मध्य से मुख्यमंत्री के रूप में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शपथ ली और सत्ता परिवर्तन के बाद से माना जा रहा था कि शीघ्र ही घोटालों के मामलों में भी कार्रवाई होगी।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने एक ट्वीट के जरिए कहा 'सुना है कि शिवराज सरकार में हुए करोड़ों के ई टैंडर घोटाले में एफआईआर दर्ज हुयी है। मोदी जी इस घाेटाले के नोट गिनने कब आ रहे हैं आप। इनके दोषियों के खिलाफ आयकर छापामार कार्रवाई कब। चौकीदार चोर है और उसकी मिलीभगत से ही चोरी हुयी है।'
वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने एक न्यूज चैनल से कहा कि ईओडब्ल्यू जांच एजेंसी है और उसकी इस कार्रवाई को हाल में आयकर विभाग की मध्यप्रदेश में छापे की कार्रवाई से जोड़कर देखना उचित नहीं है। ईओडब्ल्यू अपना कार्य कर रहा होगा।
प्रशांत
वार्ता
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