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भोपाल केपिटल एरिया के विकास की सुनियोजित प्लानिंग करे

भोपाल, 08 जून (वार्ता) भोपाल केपिटल एरिया की प्लानिंग के लिये अधिकारियों की टीम आंध्रप्रदेश की राजधानी अमरावती के मास्टर प्लान का अध्ययन करने जायेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह और जनसम्पर्क, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री पी.सी. शर्मा ने भोपाल के विकास के संबंध में अधिकारियों एवं विशेषज्ञों से चर्चा के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भोपाल का मास्टर प्लान बनाते समय भोपाल केपिटल एरिया को ध्यान में रखे। भोपाल के विकास के लिये विभाग में एक वर्किंग ग्रुप बनाये। ग्रुप में विशेषज्ञों को भी रखें।
बैठक में राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मास्टर प्लान बनाते समय बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया की प्लानिंग इस तरह से करें कि तालाब में पानी की आवक निर्बाध रूप से जारी रहे। साथ ही इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को विकास में भी भागीदार बनाया जा सके। शहर की कॉलोनियों को नगर निगम में शामिल करने के लिये कार्यवाही की जाये। भोपाल के विकास के लिये एक सक्षम अथॉरिटी होनी चाहिए। सिंगल विन्डो सिस्टम हो। मास्टर प्लान में स्ट्रीट वेंडर के लिये भी स्थान निर्धारित होना चाहिए।
बैठक में तय किया गया कि विकास कार्यों के दौरान जितने पेड़ काटे जाये उससे अधिक पेड़ लगाये जाये। इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाये कि भोपाल की हरियाली कम नहीं हो। झुग्गी-झोपड़ी के विकास के लिये विशेष योजनाएं बने।
सीहोर शुगर मिल और भेल की खाली जमीन का उपयोग अन्य उद्योगों के लिये किया जाये। सेटेलाइट टाउन, एजुकेशन हव, फूड पार्क, लॉजिस्टिक हब, स्पोर्टस सिटी, टूरिज्म सहित अन्य उद्योगों के लिये जमीन आरक्षित की जायें। गारमेन्ट फेक्टरी सहित अन्य उद्योग लगाने वाले लोगों से चर्चा कर उन्हें प्रोत्साहित करें।
इसके साथ ही एम.पी. नगर में कोचिंग के आस-पास अतिक्रमण हटाने के साथ ही उनके पुर्नवास की भी व्यवस्था करें। गाँव से भोपाल आने वाले श्रमिकों के ठहरने के स्थान निर्धारित किये जाये।
नाग
वार्ता
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