राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jul 24 2019 9:05PM मध्यप्रदेश विस लीड सरकार शक्ति परीक्षण दो अंतिम भोपालसदन में घटित घटनाक्रम के तत्काल बाद श्री कमलनाथ ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से कहा कि सरकार को एक दफा बहुमत और साबित करना था। आज दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। मतदान केवल एक विधेयक पर नहीं, बहुमत साबित करने का था। इस मतदान में भाजपा के दो सदस्यों ने भी कांग्रेस का साथ दिया है, जिन्होंने आत्मा की आवाज को सुना। विधेयक के पक्ष में 122 मत मिलना साबित करता है कि कांग्रेस बहुमत की सरकार है।"मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बहुमत की सरकार साबित करनी थी। भारतीय जनता पार्टी महीनों से जो झूठा प्रचार कर रही थी, वाे उजागर हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार को अब बसपा के दो, चार निर्दलीय, एक सपा और दो भाजपा वाले विधायकों का समर्थन हासिल है।वहीं कांग्रेस सरकार के समर्थन में आए भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र मैहर का विकास चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने झूठे वादे किए। उन्होंने ये भी कहा कि इसे उनकी घर वापसी समझा जाए।दूसरे भाजपा विधायक एवं ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले शरद कोल ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ उनके आदर्श रहे हैं। उन्होंने भी दावा किया कि आज उनकी घर वापसी हुई है। उन्होंने कहा कि अब उनके क्षेत्र में विकास होगा।वहीं राज्य सरकार के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने दावा करते हुए कहा कि भाजपा के और भी विधायक कांग्रेस के पक्ष में हैं। हम लोग पहले भी यह बात करते थे, तो कोई भराेसा नहीं करता था। लेकिन आज के घटनाक्रम से यह बात साबित हो गयी है कि भाजपा के अनेक विधायक कांग्रेस में आने के लिए आतुर हैं।मत विभाजन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दंड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक 2019 भी पारित हो गया। इसके तत्काल बाद अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी और मानसून सत्र संपन्न हो गया। मानसून सत्र 8 जुलाई को शुरू हुआ था और इसकी बैठकें 26 जुलाई तक प्रस्तावित थीं। इस तरह यह सत्र दो दिन पहले संपन्न हो गया। प्रशांतवार्ता