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महाकालेश्वर की पांचवी सवारी निकली शाही ठाटबांट से

उज्‍जैन, 19 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के राजाधिराज माने जाने वालें भगवान महाकालेश्वर पांचवी सवारी में आज पांच स्वरुपो में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिये बडे ही शाही ठाटबांट से निकले।
हिन्दू पंचांग में तिथि की गणना आमतौर पर पूर्णिमा से पूर्णिमा तक की जाती है, लेकिन ग्वालियर स्टेट के समय से प्रकाशित मराठी पंचांग में अमावस्या से अमावस्या की तिथि की गणना के कारण महाकालेश्वर मंदिर में पुरानी परांपरानुसार डेढ महीने याने आधे भादौ माह तक, श्रावण महोत्सव मनाया जाता है।
आज भाद्रपद माह के प्रथम सोमवार को सांय परम्‍परानुसार महाकालेश्‍वर की पांचवी सवारी निकाली गई। जिसमें पालकी में श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर, हाथी पर श्री मनमहेश, बैलगाड़ी में गरूड़ पर शिवतांडव, बैलगाड़ी में नंदी पर श्री उमा-महेश के स्‍वरूप के साथ डोल रथ पर होल्‍कर स्‍टेट का मुखारविन्‍द विराजमान होकर निकले।
भगवान की सवारी निकलने के पूर्व सभामंडप में मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने पूजन-अर्चन किया एवं सवारी को कंधा देकर आगे बढाया। उज्‍जैन जिले के प्रभारी मंत्री सज्‍जन सिंह वर्मा , जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा , खेल युवा कल्‍याण एवं उच्‍चशिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी पूजन-अर्चन में शामिल हुए। पूजन-अर्चन पुजारी घनश्‍याम शर्मा ने कराया। इस अवसर पर संभागायुक्‍त अजीत कुमार, पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्‍ता, डी.आई.जी. अनिल शर्मा, कलेक्‍टर शशांक मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिध मौजूद थे।
मंदिर परिसर से पालकी जैसे ही मुख्‍य द्वार पर पहुंची, वहां मौजूद सशस्‍त्र पुलिस बल के जवानों ने पालकी में विराजित भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची। रामघाट पर मॉं क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया गया। पूजन के बाद सवारी निर्धारित मार्ग से महाकाल मन्दिर की ओर पुन: रवाना हुई।
सं.व्यास
वार्ता
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