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पर्यटन को बढ़ाने की रणनीति के लिए बनेगी समिति

भोपाल, 19 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश के वन्य जीव क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ाने और संबंधित विषयों पर ठोस रणनीति बनाने के लिए राज्यस्तरीय समिति बनाई जायेगी।
इस समिति में राष्ट्रीय उद्यानों में संचालित रिसार्ट मालिकों, अन्य हितग्राहियों, अपर मुख्य सचिव वन, प्रमुख वन संरक्षक और प्रमुख सचिव पर्यटन शामिल होंगे। यह समिति प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को 15 सितम्बर तक अपनी रिपोर्ट देगी।
श्री कमलनाथ ने आज यहाँ मंत्रालय में राष्ट्रीय उद्यानों के संचालकों, पर्यटन विशेषज्ञों, वन्य जीव विशेषज्ञों, रिसार्ट मालिकों, वन क्षेत्रों में पर्यटन सेवा संचालित करने वाली संस्थाओं के संचालकों, यात्रा संचालकों की संयुक्त बैठक में वन्य जीव पर्यटन, राष्ट्रीय उद्यानों की पर्यटन क्षमता, उपलब्ध पर्यटन सुविधाएँ, जैसे विषयों पर विचार विमर्श किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों की एडवांस बुकिंग करने के बाद निरस्त करने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। इसे हतोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों के बफर जोन में इको पर्यटन की भरपूर संभावनाएँ है। राष्ट्रीय उद्यानों में जिम्मेदार और शैक्षणिक पर्यटन बढ़ाने पर जोर देना होगा। उन्होंने विशेषज्ञों से पर्यटन गतिविधियों द्वारा पर्यटक को आकर्षित करने संबंध में सुझाव देने को कहा। उन्होंने राष्ट्रीय उद्यानों के प्रवेश द्वारों के आस-पास एटीएम मशीन लगाने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने राष्ट्रीय उद्यान संचालकों से कहा कि वे राज्य शासन को भेजे जाने वाले हर प्रस्ताव उन्हें भी भेंजे ताकि उन पर शीघ्र निर्णय लिया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा पुन: प्राप्त करना गौरव की बात है लेकिन इस स्थिति का आर्थिक रूप से फायदा उठाने के लिये जरूरी है कि पर्यटन बढ़ें। उन्होंने कहा कि पर्यटन सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सेक्टर है।
उन्होंने बैठक में पचमढ़ी में पर्यटन गतिविधि बढ़ाने को और रणनीति बनाने के निर्देश दिए। बैठक में पार्क प्रवेश शुल्क, टाइगर सफारी, जिप्सी वाहन और ज्यादा सीटों वाले वाहनों के संचालन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
विश्वकर्मा
वार्ता
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