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बांधवगढ़ के रामजानकी मंदिर में जन्माष्टमी कड़ी सुरक्षा के बीच मनाई जायेगी

उमरिया, 22 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ के पहाड़ पर स्थित किले की चोटी पर बने ऐतिहासिक रामजानकी मंदिर में वर्षों से चली आ रही परंपरानुसार जन्माष्टमी का पर्व कड़ी सुरक्षा के बीच मनाया जायेगा।
इस दौरान यहां मेला भी लगता है जिसमें मध्यप्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। वर्ष में एक बार आम जन के लिये निःशुल्क खुलने वाले बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में स्थित बांधवगढ़ के किले की चोटी (811 मीटर की ऊंचाई) पर स्थित रामजानकी का मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व सुबह मंदिर के पट खुलने के साथ शुरू होगा और सूरज ढलने के पहले समाप्त हो जायेगा। इसके बाद उद्यान यहां आने वाले श्रद्धालुओं से खाली करा लिया जाता है। इस दौरान कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था पार्क प्रबंधन और पुलिस द्वारा की जायेगी। इससे 125 बाघों की गर्जना और हजारों की संख्या में यहां विचरण करने वाले वनप्राणियों और मानवजीवन को उत्पन्न होने वाले खतरों को रोका जा सकेगा।
दो हजार वर्ष पहले रीवा राजा विक्रमादित्य सिंह द्वारा बनवाये गये इस किले में स्थित आकर्षक रामजानकी मंदिर 32 पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 15 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है। इस दौरान लोगों की सुरक्षा के लिए जगह जगह बैरियर बनाये गये हैं।
उमरिया पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि मेले में जाने के लिए प्रवेश पत्र तैयार किये गये है। इसे प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं को एक फार्म भरना होगा। पार्क में प्रवेश करने के लिये 12 बजे दोपहर तक का समय निर्धारित किया गया है और लोगों को ढाई बजे से वापसी करना होगी।
रीवा राजघराने की जन्माष्टमी मनाने की इस परंपरा को महाराजा मार्तण्ड सिंह के द्वारा शुरू किया गया था। बांधवगढ़ को वर्ष 1968 में नेशनल पार्क बनाया गया था। यह उद्यान 437 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। रामजानकी मंदिर को वर्ष में एक बार ही श्रद्धालुओं के लिए खोलना, इस जन्माष्टमी के पर्व को और अधिक महत्वपूर्ण बना देता है।
जिला कलेक्टर स्वरोचिश सोमवंशी ने बताया कि यातायात को कंट्रोल करने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। व्यवस्था के लिये कार्यपालिका मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किये गये हैं। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के नियम अनुसार नेशनल पार्क क्षेत्र में कैमरा, मोबाइल आदि ले जाना वर्जित रहेगा।
सं विश्वकर्मा
वार्ता
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