राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Sep 16 2019 1:04PM बस्तरवासियों के सहयोग से आयोजित होगा इस बार का दशहराजगदलपुर, 16 सितंबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ के बस्तर का ऐतिहासिक दशहरा पर्व इस बार शासन स्तर पर सीमित राशि उपलब्ध कराए जाने के चलते जनता के सहयोग से आयोजित किया जाने वाला है। दशहरा समिति की बैठक में फैसला किया गया कि शासन स्तर पर आई सीमित राशि को जरुरत के हिसाब से खर्च किया जायेगा। वहीं छोटे खर्च स्थानीय जनता के सहयोग से किए जाएंगे। पहली बार दशहरा कमेटी ने नगर के सभी प्रमुख संस्थाओं और सभी समाजों को पर्व में शामिल किया है। बैठक में दशहरा के संबंध में सुझाव भी आमंत्रित किए गए।बस्तर कलेक्टर डॉ अय्याज तम्बोली ने बताया कि इस वर्ष संस्थाओं और समाज की भागीदारी से पर्व मनाया जायेगा। शासन की ओर से अभी तक समिति को 25 लाख रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है। प्राधिकरण लगातार राशि के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर दशहरा में लगभग 50 लाख रुपए से अधिक का खर्चा होता है। समाज व संस्थाओं द्वारा मदद मिलने से काफी हद तक कम राशि में पर्व बनाया जा सकता है। वहीं दशहरा समिति अध्यक्ष और स्थानीय सांसद दीपक बैज ने कहा कि समिति का मकसद उधारमुक्त दशहरा मनाने का है। शासन से जो धनराशि भेजी गई है उससे जरूरत के हिसाब से खर्च किया जाएगा। समाज और संस्थाओं को कमेटी के अंदर शामिल किया है, जिसके चलते कई खर्चों को सीमित किया जा सकेगा। समिति का मकसद पूर्व की तरह दशहरा पर्व मनाने का ही है।दूसरी ओर बस्तर के माटी पुजारी राजा कमल चन्द्र भंजदेव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर शासन दशहरा पर्व को संचालित नहीं कर पा रहा है तो अगले वर्ष से पर्व की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी जाए। उन्होंने खर्च को लेकर हो रहे विवाद पर कहा कि मां दंतेश्वरी बस्तर की आराध्य देवी हैं। मां दंतेश्वरी के पर्व के बीच राशि की समस्या उचित नहीं है। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व संपन्न कराने के लिये पिछले 7 वर्ष से दशहरा समिति पर करीब 61 लाख रुपए का कर्ज है। कलेक्टर श्री तंबोली के अनुसार धीरे-धीरे राशि को चुकता कर दिया जाएगा।करीम गरिमावार्ता