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अबूझमाड़ इलाकों की शिक्षा में सुधार लाने स्थानीय अधिकारियों एवं ग्रामीणा से चर्चा

नारायणपुर, 20 नवंबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाकों की शिक्षा में सुधार लाने के निर्देश के बीच राज्य के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने शिक्षा की स्थिति जानने यहां के स्थानीय अधिकारियों एवं ग्रामीणाें से चर्चा की।
आधिकारिक जानकारी में शिक्षा विभाग के संचालक एस प्रकाश ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता विभिन्न मानकों पर काफी पिछड़ी हुई है। यहां के कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों का ज्ञान काफी कमजोर है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में पाया गया कि बच्चों का हिन्दी भाषा का ज्ञान भी काफी कमजोर है। सभी को निरंतर शिक्षा गुणवत्ता के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी टीम जरूरी मार्गदर्शन देने आई है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को ऑडियो विजुअल और एनीमेशन के जरिए भी पढ़ाई-लिखाई कराएं और समय-समय पर शिक्षा गुणवत्ता का मूल्यांकन करते रहें। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के अन्य जिलों के मुकाबले नारायणपुर की शिक्षा निचले स्तर पर पायी गयी है।
संचालक सर्व शिक्षा अभियान पी दयानंद ने बताया कि स्कूली किताबों में क्यूआर कोड के लिए विद्यार्थियों को मोबाइल में दिक्षा एप डाउनलोड कर रोचक तरीके से भी शिक्षा दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के तरीके और विषय संबंधी सामग्री भी भेजी जाती है, उसका भी बेहतर इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में टैब दिए गए हैं। उन्होंने शिक्षकों से इसका नियमित उपयोग करने कहा।
नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखण्ड के अधिकांश संवेदनशील इलाकों में शिक्षा का स्तर नहीं के बराबर है। आवागमन के साधन नहीं होने के कारण नदी, नाले पहाड़ पैदल पार कर शिक्षको को जाना पड़ता है। वहीं छात्रों को भी स्कूल आने के लिए पांच किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है।
करीम बघेल
वार्ता
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