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मध्यप्रदेश शिक्षक सख्ती दो अंतिम भोपाल

स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर शासकीय सेवकों ( शिक्षकों) के अभिलेखों की छानबीन के लिए विभागाध्यक्ष स्तर पर एक समिति गठित की गयी है, जिसमें लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत, लोक शिक्षण संचालक गौतम सिंह और स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव सुधीर कोचर सदस्य हैं। समिति ने इन 84 प्रकरणों के संदर्भ में परीक्षण कर अपनी सिफारिशें शासन को भेजी और इस आधार पर कल कार्रवाई की गयी।
सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि इसी वर्ष मई में यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया था कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम कम आने के कारणों का विश्लेषण कर संबंधित शालाओं में कार्यरत शिक्षकों की दक्षताओं को परखा जाए। इसके लिए इसी वर्ष 12 जून को ऐसे शिक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी, जिनके विषय से संबंधित विद्यार्थियों के परिणाम 30 प्रतिशत से कम थे।
सूत्रों ने कहा कि 12 जून को आयोजित परीक्षा में उपस्थित नहीं हो सके शिक्षकों को 15 जून को एक बार फिर से मौका दिया गया। मजेदार बात यह रही कि शिक्षकों को पाठ्यपुस्तक के साथ परीक्षा (विथ बुक एग्जाम) में सम्मिलित कराया गया और इसमें पांच हजार आठ सौ 91 शिक्षक शामिल हुए। इस परीक्षा के आधार पर ऐसे शिक्षकों का चयन किया गया, जिनके अंक 70 प्रतिशत से भी कम रहे। इनके लिए 20 जुलाई से सात सितंबर तक प्रशिक्षण भी दिया गया, ताकि वे अपनी दक्षता सुधार सकें।
इस प्रशिक्षण के बाद फिर से तेरह सौ से अधिक शिक्षकों की दक्षता परखने के लिए 14 और 23 अक्टूबर को विभागीय स्तर पर परीक्षा आयोजित की गयी। इन शिक्षकों के नतीजों का विश्लेषण किया गया और फिर ऐसे 84 शिक्षकों की सूची तैयार की गयी, जिनके अंक 33 प्रतिशत से कम थे या वे परीक्षा में शामिल नहीं हुए। अंतत: सरकार ने ऐसे 84 शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।
प्रशांत
वार्ता
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