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भुआणा उत्सव में लोकनृत्यों ने बिखेरी विविधता में एकता की छटा

हरदा, 15 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के हरदा में भुआणा उत्सव के दूसरा दिन प्रख्यात भजन गायक प्रहलाद टिपाण्या ने कबीर गायन से वातावरण को भक्ति रंग में रंग दिया, वहीं दूसरी ओर देश के विभिन्न प्रांतों के लोकनृत्यों ने कार्यक्रम में विविधता में एकता की छटा बिखेरी।
जिले के हंडिया क्षेत्र में नर्मदा तट पर जब श्री टिपाण्या ने अपनी विशिष्ट मालवी शैली में संत कबीर के भजन गाए तो वातावरण भक्तिमय और आध्यात्मिक हो गया। दर्शकों में अद्भुत ऊर्जा का संचार इस प्रस्तुति के माध्यम से हुआ। जीवन के लिए अमूल्य शिक्षा भी कबीर भजनों के माध्यम से प्राप्त हुई।
सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न अंचलों से आए कलाकारों ने भुआणा उत्सव में विविधता में एकता की छटा बिखेरी। राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। गुजरात की राठवा जनजाति के राठ नृत्य में कलाकारों के हैरतअंगेज करतबों ने दर्शकों को हतप्रभ कर दिया। भारिया जनजातीय सैताम नृत्य के माध्यम से विशिष्ट जनजातीय संस्कृति से दर्शक रूबरू हुए।
वहीं छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किये गए बंगाली नृत्य ने सभी को दुर्गापूजा का स्मरण करवाया। सिओन इंटरनेशनल स्कूल छीपाबड़ के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गए लोकनृत्य को भी दर्शकों ने बहुत पसंद किया। जिले में मध्यप्रदेश शासन के द्वारा आयोजित इस भुआणा उत्सव में खेल, व्यंजन मेला सहित विविध संस्कृतिक गतिविधियों का समावेश किया गया है।
सं बघेल
वार्ता
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