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ओरछा के पास औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा: राठौर

भोपाल, 07 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के वणिज्यिक कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा है कि 'नमस्ते ओरछा' महोत्सव न सिर्फ रामराजा की नगरी ओरछा के महत्व में वृद्धि करेगा बल्कि निकटवर्ती पर्यटन और आस्था के अन्य केन्द्र भी राष्ट्रीय पर्यटन के नक्शे पर उभर कर आएंगे।
श्री राठौर आज ओरछा में 'नमस्ते ओरछा' महोत्सव के दूसरे दिन बिजनेस कॉनक्लेव के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ओरछा के नजदीक गढ़कुण्डार, बल्देवगढ़ का किला, मढ़खेरा सूर्य मंदिर आदि स्थानों में पर्यटन की व्यापक संभावनाओं को साकार करने के लिये यह महोत्सव महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा कि ओरछा में विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों के लिये भी ओरछा और आस-पास का क्षेत्र बहुत अनुकूल है। यहाँ करीब पांच सौ तालाब होने से यहां जलक्रीड़ा स्पर्धाएँ संभव हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मों के निर्माण की दृष्टि से ओरछा में जो सुविधायें उपलब्ध हैं, उसका लाभ लेने के लिये लोग आगे आयेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और मध्यप्रदेश के चंदेरी जैसे पर्यटन स्थलों से टूरिस्ट सर्किल द्वारा ओरछा को जोड़ने की दिशा में प्रयास किये जायेंगे। यहां हवाई पट्टी की संभावनाओं को भी साकार किया जा सकता है।
प्रदेश के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने कहा कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति के कारण देश की लगभग पचास प्रतिशत आबादी इससे जुड़ी है। मध्यप्रदेश अनके क्षेत्रों में अग्रणी स्थिति में है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में नवकरणीय उर्जा के क्षेत्र में काफी काम किया जा रहा है। प्रदेश में शीघ्र ही नवकरणीय उर्जा की ‘‘न्यू विजन पॉलिसी’’ लाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिये स्वीकृतियाँ देने की समयबद्ध व्यवस्था की गई है। कृषि आधारित उद्योगों के विकास, खाद्य प्र-संस्करण इकाईयाँ लगाने, नये आवासीय क्षेत्र विकसित करने, फार्मास्युटिकल उद्योग, टेक्सटाइल सेक्टर और पर्यटन विकास के लिये अनेक कदम उठाये गये हैं। उन्होंने बताया कि इन्दौर और भोपाल में मेट्रो रेल लाने, स्मार्ट नगरों के विकास, रेल सुविधाएँ बढ़वाने, खनिज क्षेत्र में परियोजनाओं की शुरूआत और पीपीपी मोड पर निजी निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के तीन विश्व धरोहर स्थल साँची, खजुराहो और भीम बैटका के बाद शीघ्र ही ओरछा भी इस श्रेणी में शामिल हो, इसके प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बिजनेस कॉनक्लेव में आये उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि मध्यप्रदेश में निवेश के लिये भूमि आवंटन और अन्य सुविधाओं के साथ ही आदर्श कानून-व्यवस्था आदि का लाभ सहज उपलब्ध है। ये व्यवस्थाएं निरंतर कायम रखने पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
नाग
वार्ता
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