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राजनीति कमलनाथ शाह पत्र तीन अंतिम भोपाल

श्री कमलनाथ ने लिखा है कि कालांतर में बंगलूर ले जाए जा रहे विधायकों की संख्या बढ़कर 22 हो गयी। ये सभी विधायक कर्नाटक पुलिस के संरक्षण में हैं। मध्यप्रदेश के कुछ भाजपा नेताओं को इन विधायकों के साथ इनके ठहरने के स्थान से आ रही तस्वीरों में देखा जा सकता है। इन विधायकों के ऊपर कथित तौर पर हो रहे सभी खर्चे भी कर्नाटक भाजपा द्वारा वहन किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री के अनुसार इन विधायकों को सभी प्रकार की व्यक्तिगत संचार सुविधाओं से वंचित कर बंदी बनाकर रखा गया है। यहां तक कि एक विधायक के पिता को अपने बेटे से मिलने की अनुमति भी नहीं दी गयी। मध्यप्रदेश के दो मंत्रियों को विधायक के पिता के साथ कर्नाटक पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया और उनके साथ धक्कामुक्की की गयी।
श्री कमलनाथ ने कहा कि इन सभी विधायकों से उनकी और विधायकों के परिजनों की बात करने की सभी कोशिशें असफल साबित हुयीं। जिससे यह आशंका सिद्ध होती है कि सभी विधायक बंदी हैं। विधायकों के जो वीडियो संदेश भी आ रहे हैं, उससे साबित होता है कि सभी विधायक दबाव में हैं और उन्हें एक विशेष तरीके से व्यवहार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
श्री कमलनाथ के अनुसार विधायकों द्वारा अध्यक्ष को भेजे गए त्यागपत्र संबंधित विधायकों की ओर से प्रस्तुत नहीं किया जाकर भाजपा के पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और भाजपा के ही कुछ विधायकों द्वारा अध्यक्ष के समक्ष पेश किए गए। अध्यक्ष ने वस्तुस्थिति जानने के लिए छह विधायकों को उनके समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। इस बीच उन्होंने सभी गतिविधियों से अवगत कराते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा। इसमें विधायकों को कैद से छुड़ाने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया गया था, लेकिन इसका का भी कोई असर नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक कांग्रेस के विधायक बंगलूर से वापस नहीं आ जाते, तब तक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का कोई मतलब नहीं रह जाता है। यह एक अभूतपूर्व स्थिति है जब भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है और कांग्रेस विधायकों को बंदी बनाकर रखा गया है।
श्री कमलनाथ ने बताया कि कल राज्यपाल ने उन्हें सूचित किया कि जो विधायक विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सुनवायी में भाग लेंगे, उनकी सुरक्षा का भार सीआरपीएफ को सौंपा जाना चाहिए। श्री कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते विधायक समेत सभी नागिरकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व उनका है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बंगलूर में मौजूद कांग्रेस विधायकों को रिहा कर दिया जाता है तो वे राज्य सरकार की ओर से सभी विधायकों को उच्चतम सुरक्षा मुहैया कराएंगे। इससे वे निर्भय होकर विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे।
प्रशांत
वार्ता
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