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मध्यप्रदेश शिवराज समीक्षा दो अंतिम भोपाल

श्री सुलेमान ने बताया कि आगर-मालवा में 13 में से 12, अनूपपुर में तीन में से तीन,छिंदवाड़ा में पाँच में से चार, हरदा में तीन में से तीन प्रकरण रिकवर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इंदौर, भोपाल और उज्जैन के अलावा कुल 1415 रोगी भर्ती किए गए। जिलों में करीब 21 हजार से अधिक रोगियों को आयसोलेट करने की व्यवस्था है। हालांकि इसका 13 प्रतिशत ही उपयोग में लेने की आवश्यकता पड़ी है। इसी तरह आईसीयू के लिए की गई व्यवस्था के मुकाबले जो आवश्यकता हुई वो उपयोग कुल व्यवस्था का 14 प्रतिशत है। इंदौर में कुल 3309 बिस्तर क्षमता के मुकाबले 1314 अर्थात 40 प्रतिशत का उपयोग हुआ। इसी तरह आईसीयू के लिए की गई व्यवस्था का 36 प्रतिशत उपयोग हुआ है। उज्जैन में कुल 1460 बिस्तर क्षमता का 16 प्रतिशत उपयोग हुआ है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1481 फीवर क्लीनिक संचालित हैं। अब तक फ्लू ओपीडी में कुल 34 हजार 753 मरीज आए और फ्लू ओपीडी में कुल 7622 सैम्पल लिए गए हैं। इनमें से 3217 प्रकरण रैफर किए गए। जन जागरूकता बढ़ने से नागरिकों द्वारा रोग की जानकारी छिपाने की बजाय परीक्षण और उपचार पर ध्यान दिया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन प्रदेश में किया जा रहा है।
बैठक में जानकारी दी गई कि भोपाल में रोग नियंत्रण के लिए बहुआयामी प्रयास किए गए हैं। भोपाल जिले में आईसीयू की व्यवस्था के तहत 156 के मुकाबले 28 रोगियों को सुविधा उपलब्ध करवाई गई। भोपाल में एम्स, जीएमसी, चिरायु मेडिकल कॉलेज और कोविड केयर सेंटर में कुल 492 रोगी भर्ती हैं। अभी तीन रोगी वेंटीलेटर पर हैं। भोपाल जिले में आयसोलेशन के लिए 1030 लोगों की व्यवस्था के मुकाबले 464 लोगों को आयसोलेट किया गया। कमिश्नर भोपाल ने बताया कि संभाग में भी कोरोना नियंत्रण की स्थिति में सुधार है, लेकिन सतर्कता के स्तर पर सभी सक्रिय हैं।
कलेक्टर भोपाल तरूण पिथोड़े ने वीडियों कान्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी कि जहांगीराबाद क्षेत्र में रमजान के बाद भी स्थानीय नागरिकों का पूरा सहयोग मिला। पॉजिटिव रोगी की जानकारी मिलने पर रोगी के उपचार और पॉजिटिव रोगी के फर्स्ट कांटेक्ट में रहने वाले लोगों को क्वारेंटाइन में भेजे जाने के कार्य में सहयोग दिया गया है। शहर के अशोका गार्डन, बाग उमराव दुल्हा जैसे क्षेत्रों में सघन बसाहट के कारण प्रकरण जरूर सामने आए थे, लेकिन अब स्थिति नियंत्रित हो रही है। उन्होंने बताया कि 1241 प्रकरणों में 788 रिकवर हुए हैं। रोगियों में 20 से 60 वर्ष की आयु के रोगी अधिक हैं। भोपाल में 59 फीवर क्लीनिक संचालित हैं। कुल 32 थाना क्षेत्रों में 173 कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए गए। सैम्पलिंग का काम निरंतर किया गया है। विशिष्ट रूप से सब्जी विक्रेता कैरियर न बनें इस पर भी ध्यान दिया गया है।
विश्वकर्मा
वार्ता
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