राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jun 21 2020 6:12PM प्रस्तावित हाथी रिजर्व की सीमा में आने वाले कोल ब्लाकों की नही हो नीलामी- अकबररायपुर 21 जून(वार्ता)छत्तीसगढ़ के वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्र से छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य एवं उससे सटे मांड नदी के जल ग्रहण क्षेत्र तथा प्रस्तावित हाथी रिजर्व की सीमा में आने वाले क्षेत्रों में स्थित कोल ब्लाकों को भारत सरकार द्वारा की जाने वाली आगामी कोल ब्लाक नीलामी में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है। श्री अकबर ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडे़कर को लिखे पत्र में यह अनुरोध करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाकों को नीलामी से पृथक किया जाना वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्किोण से उचित होगा। उन्होने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का मध्य एवं उत्तरीय क्षेत्र जो एक ओर घने वनों से अच्छादित है, वही इस पूरे क्षेत्र में कोयले का भी भण्डार है। वर्तमान में इस क्षेत्र में विभिन्न केन्द्रीय, राज्य एवं निजी संस्थानों को आबंटित क्षेत्रों में खनन का कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि उक्त क्षेत्र में राज्य की दो महत्वपूर्ण नदियां हसदेव एवं मांड के जल ग्रहण क्षेत्र में भी कोल ब्लाकों की नीलामी प्रस्तावित है। हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य में हाथियों की संख्या में हो रही लगातार वृद्धि, मानव हाथी द्वंद की बढ़ती घटनाओं तथा हाथियों के रहवास की आवश्यकता को देखते हुए हसदेव नदी से लगे 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके पालन में अधिसूचना प्रकाशन हेतु कार्यवाही प्रगति पर है। उन्होने पत्र में श्री जावेड़कर को पत्र में बताया है कि राज्य के वनों एवं पर्यावरण की सुरक्षा तथा भविष्य में मानव हाथी द्वंद की घटनाओं पर प्रभावशील नियंत्रण के लिए उक्त क्षेत्र में भविष्य में खनन गतिविधियों पर रोक अत्यंत आवश्यक है। साहूवार्ता