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सफलता के लिए सोच और कार्य प्रणाली में बदलाव जरुरी: पटेल

भोपाल, 31 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शिक्षको शिक्षाविदों का आव्हान किया है कि नई सोच के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सफल बनाने के लिए आगे आए।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्रीमती पटेल आज लखनऊ से ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 50 वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी एवं उद्देश्यपूर्ण परिवर्तन आयेगा। इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार करेगी।
उन्होंने कहा कि स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों को ई-शिक्षा की जरूरतों के लिए डिजिटल कन्टेन्ट और क्षमता निर्माण से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वैकल्पिक साधनों को सुनिश्चित करेगा। समस्त उच्च शिक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण व्यापक निकाय के रूप में ‘भारत उच्च शिक्षा आयोग’ के गठन से निर्णय लेने में तेजी आयेगी, और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि संस्कार देने का कार्य ही शिक्षा है। नई शिक्षा नीति को अनेकता में एकता जैसे भारतीय संस्कृति के आदर्शो को शामिल करते हुए लागू किया जाए। उच्च शिक्षा क्षेत्र के विद्वान माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा का भी मार्ग दर्शन करें। ‘ई लर्निग’ प्रवेश, शुल्क, अनुदान और प्रशिक्षण संबंधी नई व्यवस्थाएं की जाए। नई संस्थाओं का निर्माण सकारात्मकता के साथ किया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के अपने लाभ हैं। हमारे विश्वविद्यालयों ने इसका सफल उपयोग किया है। शिक्षकों की मदद करने और ई-लर्निंग को प्रोत्साहन देने के लिए शिक्षा की पहुंच, इक्विटी और गुणवत्ता में सुधार के लिये निरंतर कार्य करना होगा। ई-पाठशाला विविध ई-पुस्तकों आदि ऐसी ही शिक्षण सामग्री की पहुंच दूरस्थ अंचलों तक बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि हर संकट अपने साथ एक अवसर लाता है। कोविड-19 भी अपवाद नहीं है। अब किस तरह के विकास के क्षेत्र नए अवसर उभर सकते हैं। इस पर चिंतन करना होगा। कोविड-पश्चात विश्व में अनुसरण की बजाए, हमें मौजूदा परिपाटियों से आगे बढ़ने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने सभी शिक्षकों, शिष्यों, चिंतकों, शोधकर्ताओं का आव्हान किया कि इस बात पर विचार करें कि हमारी जनता, हमारे कौशल, हमारी मूल क्षमताओं का किस प्रकार सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जाकर भारत को विश्व गुरू के रूप में प्रतिष्ठित किया जाये।
श्रीमती पटेल ने कहा कि वर्तमान समय में सम्पूर्ण समाज को एक नई जीवन शैली अपनानी होगी। डिजिटल गतिविधियों को अधिक से अधिक प्रसारित करने के लिए तकनीक को उपयोगकर्ता के लिए सरल और सुविधा सम्पन्न बनाना होगा। आज जरूरत इस बात की है कि ऐसी जीवनशैली के मॉडल्स के बारे में सोचा जाए, जो आसानी से सुलभ हों।
उन्होंने कहा कि संकट काल में भी हमारे कार्यालय, कारोबार, व्यापार किसी प्रकार के जनहानि के बिना त्वरित गति से आगे बढ़ सकें। गरीबों, सबसे कमजोर लोगों और साथ ही साथ हमारे पर्यावरण की देखरेख को प्रमुखता देते हों। कोविड-19 हमारे समक्ष प्रोफेशनल और पर्सनल प्राथमिकताओं में संतुलन कायम करने की नई चुनौतियां लाया है। चाहे कुछ भी हो, फिटनेस और व्यायाम के लिए जरूर समय निकालें। अपनी शारीरिक और मानसिक तंदुरूस्ती को बेहतर बनाने के साधन के तौर पर योग का भी अभ्यास करें।
राज्यपाल ने भोपाल के सपूत तथा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रो. बरकतउल्ला भोपाली जिनके नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है। स्थापना दिवस के अवसर पर उनका सादर स्मरण कर नमन करते हुए 50 वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी।
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि स्थापना दिवस का अवसर अतीत की उपलब्धियों पर गर्व और भविष्य की चुनौतियों के प्रति चिंतन का अवसर है। विश्वविद्यालय पर वंचित वर्ग जो महँगी शिक्षा नहीं प्राप्त कर सकता उनको प्रतियोगी वातावरण में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने की चुनौती और जिम्मेदारी है। इसके लिए निरंतर प्रयास जरुरी है। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई और भविष्य की शुभकामनाएं दी।
बघेल
वार्ता
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