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भाजपा शासित राज्यों से छत्तीसगढ़ का वित्तीय प्रबन्धन बेहतर- भूपेश

रायपुर 01 मार्च(वार्ता)छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के वित्तीय प्रबन्धन को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के लगातार सवाल उठाने पर उन्हे आड़े हाथों लेते हुए आज कहा कि भाजपा शासित राज्यों से छत्तीसगढ़ का वित्तीय प्रबन्धन बेहतर है।
श्री बघेल ने अगले वित्त वर्ष का बजट पेश करने के बाद विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य के कुछ सकल घरेलू उत्पाद का 20 प्रतिशत ऋणभार छत्तीसगढ़ पर है,जबकि पड़ोसी मध्यप्रदेश हो या दूसरे भाजपा शासित राज्य वहां 25 प्रतिशत से अधिक ऋणभार है।भाजपा शासित उत्तरप्रदेश में तो 29 प्रतिशत ऋणभार है।उन्होने पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह का नाम लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ भाजपा में ज्यादा बड़े अर्थशास्त्री है,उन्हे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाएं एवं सलाह केन्द्रीय वित्त मंत्री को देना चाहिए।
उन्होने कहा कि लाकडाउन के चलते केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनो पर दबाव बढ़ा पर उनकी सरकार ने कोशिश किया कि कम से कम इसका प्रभाव राज्य की वित्तीय स्थिति पर पड़े।इसमें काफी हद तक वह सफल भी रहे।उन्होने कहा कि चालू वित्त वर्ष में केन्द्र से राज्य को 18 हजार करोड़ रूपए नही मिले उसके बाद भी आम जनता पर उऩ्होने कोई प्रभाव नही पड़ने दिया।किसी कर्मचारी के वेतन में कटौती नही की गई,विधायक निधि पर रोक नही लगी।
श्री बघेल ने अगले वित्त वर्ष के बजट को किसानों एवं गांवों के आर्थिक रूप से स्वालम्बी बनाने के लिए काफी अहम बताते हुए कहा कि बजट में किसानों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की समृद्दि,गांवों की आर्थिक प्रगति शिक्षा में गुणवत्ता एवं प्रगति के नए आयाम, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण,ग्रामीण एवं शहरी अधोसंरचना को तेजी से विकसित करने पर जोर दिया गया है।
पेट्रोल एवं डीजल पर राज्य के टैक्स को कम करने से इंकार करते हुए उन्होने कहा कि सभी पड़ोसी राज्यों से छत्तीसगढ़ में कम टैक्स है इस कारण यहां तुलनात्मक रूप से पेट्रोल,डीजल सस्ते है।उन्होने कहा कि मोदी सरकार की बजह से आम जनता हलाकान है।अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 63 डालर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमते है,और देश में इनके रेट मे लगभग प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है।यूपीए शासनकाल में 108 डालर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमते थी लेकिन उस समय इससे काफी कम कीमत पेट्रोल डीजल की कीमत देश में थी।
पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने के बारे उनकी सरकार के रूख के बारे में पूछे जाने पर श्री बघेल ने कहा कि जीएसटी कौंसिल में पहले केन्द्र सरकार इस आशय का प्रस्ताव तो रखे,फिर राज्य के जो भी हित में होगा उस पर विचार कर राज्य सरकार अपना रूख रखेंगी।
साहू
वार्ता
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