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प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण साबित होगी-परमार

भोपाल, 26 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण साबित होगी
श्री परमार ने मंत्रालय में आज शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा एवं बच्चों की बुनियादी साक्षरता हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का लोकार्पण अवसर पर यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारे देश की परम्परा में शिक्षक महती भूमिका निभाते हैं और बच्चों में संस्कार विकसित करते हैं। उन्होंने कहा कि मानव का सर्वाधिक मानसिक विकास 6 वर्ष तक की आयु तक होता है। इसलिए आज हम बच्चों की बुनियादी शिक्षा और बाल्यावस्था शिक्षा पर शिक्षकों के लिए दो प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ कर रहे हैं। ये दोनो कार्से शिक्षकों एयर विभाग के साथ ही समाज के लिए भी बेहद उपयोगी होंगे।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में बड़े परिवर्तन के साथ नई चुनौतियों को भी बदलना होगा। नई शिक्षा नीति में कमी को घटाने का प्रयास किया है। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। शिक्षक अपने आपको ढालने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षक ही जीवन में बदलाव ला सकते हैं। बुनियादी शिक्षा का आधार है। शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। भावी भारत की नीव तैयार कर नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कहा कि बच्चों के मस्तिष्क का विकास छोटी उम्र में ही होता है। इन्हें प्रारंभ से ही सही शिक्षा के संदर्भ और महत्व की विस्तृत जानकारी दी जाना होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नी‍ति 2020 में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा को एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल किया गया है। प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश के पहले बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिये तैयार करने की आवश्यकता होती है।
उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 में 3-6 आयु वर्ग के बच्चों को नए ढांचे में शामिल कर प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण लक्ष्य भी दिया गया है। इसके अनुसार वर्ष 2030 तक सार्वभौमिक गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा के प्रावधान को प्राप्त करना है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सी.एम. राइज शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत दीक्षा प्लेटफार्म पर प्रथम चरण में सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से बुनियादी साक्षरता पर आधारित 6 कोर्स की एक डिजिटल प्रशिक्षण श्रृंखला तैयार की गई है। बुनियादी साक्षरता की इस कोर्स श्रृंखला के माध्यम से हमारे शिक्षक बच्चों में मौखिकता के निर्माण, साक्षरता कौशल को बेहतर रूप से सिखाने के लिए मातृभाषा और घरेलू भाषा की भूमिका, साक्षरता अनुकूल शिक्षण स्थान बनाने के लिए प्रिंटसमृद्ध वातावरण की भूमिका एवं छात्रों के पढ़ने के प्रवाह को विकसित करने की विभिन्न रणनीतियों के बारे में जान पाएंगे।
आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने कहा कि वन नेशन प्लेटफार्म के अंतर्गत सभी डिजिटल प्रशिक्षणों को शिक्षा मंत्रालय भारत के दीक्षा प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराया जा रहा है। दीक्षा प्लेटफार्म शिक्षकों को अपनी गति से सीखने की सुविधा देता है। विषय-विशेषज्ञों के अकादमिक सहयोग से इस श्रृंखला के सभी विषयों को विभिन्न सत्रों में विभाजित किया गया है। इसमें शिक्षक ऑनलाइन एवं रोचक तरीकों से अपने ज्ञान व कौशलों को समृद्ध करने में सक्षम होंगे।
इस अवसर पर राज्य शिक्षा केन्द्र के अपर मिशन संचालक श्री लोकेश कुमार जांगिड़ एवं अन्य अधिकारी तथा सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
नाग
वार्ता
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