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कोरोना के मामलों में असाधारण वृद्धि चिंता का विषय - सुलेमान

भोपाल, 05 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि से चिंतित राज्य सरकार ने आज कोराेना संक्रमण रोकने के लिए अनुकूल व्यवहार (कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर, कैब) अपनाने का आज राज्य के नागरिकों से आह्वान करते हुए कहा कि इस ओर ध्यान नहीं देने के कारण ही हम लोगों को इस स्थिति में दोबारा पहुंचना पड़ा है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने आज यहां पत्रकार वार्ता के दौरान सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। इस अवसर पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा और जनसंपर्क आयुक्त सुदाम पी खाड़े भी मौजूद थे। श्री सुलेमान ने कहा कि कैब के जरिए हम कोरोना के बचाव के प्रति उतने ही आश्वस्त हो सकते हैं, जितना वैक्सीन का पूरा डोज लेने के बाद।
श्री सुलेमान ने कहा कि कैब में मुख्य रूप से फेस मॉस्क का लगातार इस्तेमाल, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, सेनेटाइजर का इस्तेमाल और अपने हाथों को निश्चित अंतराल के बाद साबुन से धोना जैसे उपाय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद भी यह नहीं माना जाता है कि संबंधित व्यक्ति को कोरोना नहीं होगा। अलबत्ता वैक्सीन लगने के बाद कोरोना संक्रमित व्यक्ति को शरीर में नुकसान काफी कम होगा। इसी तरह कैब के उपाय करने पर भी आम व्यक्ति कोरोना संक्रमण से बच सकता है।
श्री सुलेमान ने आकड़ों के जरिए एक प्रस्तुतिकरण भी दिया, जिसमें कोरोना के मामलों में हाल के दिनों में वृद्धि को प्रदर्शित किया गया। साथ ही बताया कि आज के दिन मध्यप्रदेश में रिकार्ड 3398 मामले सामने आए। जबकि इसके पहले पिछले वर्ष 19 सितंबर को एक दिन में सबसे अधिक 2607 नए कोरोना मरीज मिले थे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो तीन दिनों से कोरोना के नए मामले तीन हजार के आसपास या इससे अधिक रहे।
श्री सुलेमान ने कहा कि राज्य में वर्तमान में सक्रिय मामले बढ़कर 22,654 हो गए हैं। उन्हाेंने कोरोना की दूसरी लहर से जुड़ीं भ्रांतियों के बारे में कहा कि यह कहना सही नहीं है कि पिछले बार की तुलना में इस बार कोरोना संक्रमित मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी तकलीफें कम हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में लगभग 60 प्रतिशत व्यक्ति होम आइसोलेशन में और शेष 40 प्रतिशत अस्पतालों में है। कमोवेश यही प्रतिशत कोरोना की पहली लहर के दौरान था। इस संबंध में उन्होंने और भी आकड़ों का हवाला दिया।
एक सवाल के जवाब में श्री सुलेमान ने कहा कि अब तक जो भी अध्ययन सामने आए हैं, उनके अनुसार राज्य में यूके वेरिएंट के मात्र आठ मामले सामने आए हैं। इसी तरह साउथ अफ्रीका और ब्राजील वेरिएंट के इक्का दुक्का मामले ही प्रकाश में आए हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कोरोना के पुराने वेरिएंट के कारण ही लोग फिर से संक्रमित हुए हैं। उन्होंने साथ में जोड़ा कि यदि आम नागरिक पहले की तरह ''कैब'' का पालन करते, तो शायद यह नौबत नहीं आती।
मौजूदा हालातों में लॉकडाउन लगाने संबंधी सवाल के जवाब में श्री सुलेमान ने कहा कि केंद्र सरकार की जो गाइडलाइंस हैं, उनके अनुसार लॉकडाउन की बजाए ''कैब'' का पालन सुनिश्चित करने पर ही जोर दिया जा रहा है। आर्थिक गतिविधियां और सभी नागरिकों की सुविधाएं भी महत्वपूर्ण पहलू है, इसलिए लॉकडाउन के स्थान पर कैब के पालन पर विशेष जोर देना उपयुक्त है।
श्री सुलेमान ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती स्वास्थ्य सुविधाओं, खासतौर से अस्पताल में बेड्स की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित करना है। इस चुनौती का हम लगातार सामना कर रहे हैं। कोरोना के 'पीक' पर पहुंचने संबंधी सवाल का उन्होंने सीधी जवाब नहीं दिया और कहा कि सरकार अपने स्तर पर भविष्य का अनुमान लगाकर स्वास्थ्य संबंधी ढांचे के विस्तार पर जोर दे रही है। इस कार्य में सरकारी अस्पतालों के संसाधन के अलावा निजी अस्पतालों का सहयोग भी लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जैसे कोरोना की पहली लहर के दौरान भोपाल में सरकारी अस्पतालों के अलावा मात्र तीन चार निजी अस्पतालों में ही कोविड मरीजों का इलाज हो रहा था। जबकि अब सरकारी के अलावा शहर के लगभग 40 निजी अस्पतालों में कोरोना का इलाज हो रहा है।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजौरा ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर रोकने के लिए वर्तमान में 14 जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू और रविवार के लॉकडाउन की व्यवस्था है। इन स्थानों पर जुलूस निकालने और सार्वजनिक कार्यक्रमों संबंधी अनेक पाबंदियां हैं। मार्च माह में राज्य में मॉस्क नहीं लगाने पर एक लाख 61 हजार लोगों से जुर्माना वसूला गया। छह सौ से अधिक दुकानों को 24 घंटे के लिए कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन नहीं करने के लिए सील किया गया। लॉकडाउन के उल्लंघन संबंधी 1580 प्राथमिकी दर्ज की गयीं।
एक सवाल के जवाब में डॉ राजौरा ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव वाले क्षेत्र दमोह में भी कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कलेक्टर को निर्देश हैं। वहां के कोरोना संबंधी आकड़ों पर भी नजर रखी जा रही है।
प्रशांत
वार्ता
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