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कलेक्टर ने प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों के साथ बैठक में उपचार की दरें तय की

बड़वानी/खरगोन, 5 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश के बड़वानी के जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने आज प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान उपचार की दरें तय करते हुए कहा कि महामारी के दौरान वे कम शुल्क पर उपचार उपलब्ध कराएं।
कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में जिला कलेक्टर ने निजी चिकित्सा संस्थानों के पदाधिकारियों से कहा कि वे महामारी के संकट के दौर में आमजनों को अच्छा इलाज कम से कम शुल्क पर प्रदान करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्राइवेट चिकित्सा संस्थान अपने यहां बेड की संख्या की उपलब्धता की जानकारी आवश्यक रुप से प्रदर्शित करेंगे और जिला प्रशासन के साथ बैठक में तय शुल्क से अधिक नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना रोगी से तय राशि से अधिक राशि लेने या गुमराह करने की शिकायत आएगी तो उक्त संस्थान के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिला कलेक्टर ने कहा कि प्राइवेट संस्थान आईसीयू के ढाई हजार, प्राइवेट वार्ड के 2000, जनरल वार्ड के 500 रु प्रतिदिन से अधिक नहीं ले सकेंगे। वहीं जनरल वार्ड में ऑक्सीजन समेत यह राशि प्रतिदिन डेढ़ हजार से अधिक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट चिकित्सा संस्थान बाहर से चिकित्सक बुलाने पर एमबीबीएस डॉक्टर हेतु 300 रुपए एवं एमडी डॉक्टर हेतु 500 रुपए प्रति मरीज ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की दर अधिकतम 3000 रुपए तक की है।
उन्होंने कहा कि शासकीय संस्थान में भर्ती कोरोना मरीजों के सीटी स्कैन की दर दो हजार रुपए तथा अन्य के लिए अधिकतम 3000 रुपए तय की गयी है।
श्री वर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि गरीबों को निशुल्क और सामान्यजनों को नाममात्र के शुल्क पर आशा ग्राम बड़वानी में 200 सेंधवा के जामली में 150 तथा खेतिया में 100 बिस्तरों का कोविड वार्ड आरंभ कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोई भी निजी चिकित्सा संस्थान आपदा में अवसर समझ रोगियों का दोहन करेगा तो जिला प्रशासन ऐसे संस्थानों की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई करेगा।
उन्होंने बताया कि आज मास्क नहीं पहनने पर 89 चालान बनाकर 64 लोगों को अस्थाई जेल भेजा गया।
बड़वानी की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अनीता सिंगारे ने बताया कि द्वितीय चरण में आज 40 केंद्रों पर 3984 लोगों को टीकाकरण किया गया है। कोरोना से प्रभावित पाए गए 3742 लोगों में से 3250 का उपचार हो चुका है जबकि 31 लोगों की मृत्यु हुई है।
उधर खरगोन में ''यमराज'' द्वारा लोगों को समझाइश देने के कैंपेन के बाद अब ग्रामीण अंचलों में डोंडी पीटकर महामारी के बारे में सजग किया जा रहा है। खरगोन जिले के झिरनिया विकासखंड में आशा कार्यकर्ता डोंडी पीटकर तथा माइक लेकर प्राचीन पद्धति से संदेश दे रही हैं। खरगोन जिले में अब तक पाए गए 6781 मरीज में से 6162 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। वहीं 121 लोगों की मृत्यु हुई है।
सं प्रशांत
वार्ता
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