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सुनिश्चित की जाये ऑक्सीजन तथा रेमडेसिवर की उपलब्धता-हाईकोर्ट

जबलपुर, 19 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आज प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रकोप को लेकर दायर याचिकाओं का निराकरण करते हुए कोरोना संक्रमण के उपचार और इसकी रोकथाम के लिए 19 बिन्दुओं पर दिशा निर्देश जारी किये है।
चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने कोरोना के मामले में गंभीरता लेते हुए नॉन वर्किग डे होने के कोरोना संबंधित याचिकाओं की सुनवाई की। युगलपीठ ने चार याचिकाओं को निराकरण करते हुए कोरोना संक्रमण के उपचार तथा रोकधाम के लिए 19 बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश जारी किये है।
युगलपीठ ने सरकार को परिपालन रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी करते हुए शेष याचिकाओं पर अगली सुनवाई 10 मई को निर्धारित की है।
युगलपीठ ने बिल की राशि का भुगतान नहीं होने पर वृद्ध मरीज को बेड से बांधकर रखे जाने वाली संज्ञान याचिका के साथ कोरोना महामारी से संबंधित आधा दर्जन याचिकाओं पर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये है। युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि वह ऑक्सीजन व एंटीवायरस रेमडेवियर की उपलब्धता सुनिश्चित करें। रेमडेवियर इंजेक्शन व लिक्विड ऑक्सीजन का प्रदेश में प्लांट नहीं होने के कारण युगलपीठ ने केन्द्र सरकार को आवश्यक सहयोग के निर्देश दिये है।
युगलपीठ ने रेमडेवियर इंजेक्शन का उत्पादन बढाने तथा आवश्यक पडने पर उसके आयात के अनुमत्ति के संबंध में भी निर्देश दिये है। सरकार व निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन व रेमडेवियर इंजेक्शन की कमी नहीं होना चाहिए। भविष्य की आवश्यता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन व रेमडेवियर की मांग सरकार के समक्ष रखे। युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि वह प्रशासनिक स्तर पर मांग अनुसार मरीजों को रेमडेवियर इंजेक्शन उपलब्ध करने की व्यवस्था करेुं।
युगलपीठ ने अपेन आदेश में कहा है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान जिस प्रकार उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर, केविट डेडिकेट केयर सेंटर व अस्पताल खोले गये थे उनका संचालन पुन शुरू किया जाये। स्वास्थ विभाग में रिक्त चिकित्सक, पैरा मेडिकल, टैक्निकल सहित रिक्त पदों पर शीध्र नियुक्ति किया जाये। स्वास्थ विभाग में अावश्यकता अनुसार संविदा में नियुक्ति किये जाने के निर्देश भी जारी किये है। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम व अन्य शक्तियों का प्रयोग करते हुए स्कूल,खेल मैदान,टैनिंग सेंटर,होटल व अन्य स्थानों को कोरोना सेंटर के लिए अपने अधिपत्य में ले सकती है।
युगलपीठ ने अंतिम संस्कार के लिए बंद विद्युत शवदाह को शुरू करने के निर्देश भी सरकार को दिये है। साथ ही कहा है कि इलाज के नाम पर लोगों का शोषण नहीं किया जाये। सरकार द्वारा जो दर निर्धारित की गयी है तथा भविश्य में की जाने वाली दरों का सुनिश्चित तौर पर परिपालन हो। निर्धारित दरों के संबंध में आवश्यक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा निर्धारित से अधिक राशि लेने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही की जाये। युगलपीठ ने आयुष्मान योजना का लाभ दिये जाने तथा आयुष्मान योजना के अस्पतालों की संख्या बढाने के युगलपीठ ने जारी किये है।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से युगलपीठ को बताया गया था कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही भयाभय है। कोरोन संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और लोगों को उपचार तक नहीं मिल रहा है। अस्पतालों में बेड, रेमडेसिवर इंजेक्शन तथा ऑक्सीजन की कमी है। रेमडेवियर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला भी उठाया गया था।
युगलपीठ ने संबंधित मामलों में लिखित जवाब पेश करने के निर्देश दिये थे। सरकार द्वारा पेश किये गये जवाब में बताया गया था कि उपचार के दर तथा दवाईयों का मूल्य निर्धारित कर दिया गया है। इसके अलावा रेमडेवियर इंजेक्शन तथा ऑक्सीजन की उपलब्धता के संबंध में भी जानकारी पेश की गयी थी। सरकार की तरफ से बताया गया था कि आयुष्मान योजना के लिए निर्धारित अस्पतालों में बेड आरक्षित रखे गये है। इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी बेड आरक्षित रखे गये है। सरकार द्वारा उपलब्ध बेड तथा उसकी संख्या बढाने के संबंध में जानकारी पेश की गयी थी।
सरकार द्वारा पेश लिखित जवाब का अवलोकन करने के बाद युगलपीठ ने सरकार को 19 बिन्दुओं पर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये है। युगलपीठ ने चार याचिकाओं का निराकरण करते हुए हुए सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये है।
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ट अधिवक्ता विवेक तन्खा, अधिवक्ता संजय वर्मा तथा सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पी कौरव,अतिरिक्त महाधिवक्ता आर के वर्मा व पी यादव ने पैरवी की। कोर्ट मित्र के रूप में वरिष्ट अधिवक्ता नमन नागरथ उपस्थित हुए।
सं नाग
वार्ता
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