राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Sep 25 2021 2:18PM मैं कांग्रेसी था, हूं और रहूंगा - अजय सिंहभोपाल, 25 सितंबर (वार्ता) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री अजय सिंह ने उनकी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं से मुलाकात को लेकर मीडिया में चल रही अटकलबाजियों के परिप्रेक्ष्य में आज स्थिति साफ करते हुए कहा कि वे कांग्रेसी थे, हैं और रहेंगे।श्री सिंह ने यहां एक बयान में कहा कि वे उनके भाजपा में जाने की अटकलों को पूरी तरह खारिज करते हैं। वे स्वयं को हमेशा से कांग्रेस का सिपाही कहते आए हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री सिंह ने अपने पिता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह का स्मरण करते हुए कहा कि वे हमेशा सद्भाव के साथ सबको साथ लेकर चलने की सीख देते थे। यह उन्हें विरासत में मिली है। श्री सिंह ने कहा, 'अपने पिता के विचारों के विपरीत जाकर मैं आलोचना का भागीदार नहीं बनना चाहता हूं। मैं उन्हीं की परंपरा का निर्वहन करता हूं। मैं आत्मा से कांग्रेसी था, कांग्रेसी हूं और कांग्रेसी रहूंगा। जो लोग ऐसा सोच रहे हैं कि मैं बीजेपी में जा सकता हूं, उन सभी से मेरा विनम्र आग्रह है कि वे इस कल्पनाशील विचार काे त्याग दें। मेरी प्रतिबद्धता कांग्रेस पार्टी के साथ है।'दरअसल श्री अजय ने कुछ समय पहले यहां गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से उनके निवास पर पहुंचकर भेंट की थी। इसके बाद श्री मिश्रा और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय दो दिन पहले श्री सिंह के निवास पर पहुंचे और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद से तरह तरह की अटकलबाजियां राजनैतिक हलकों और मीडिया में चल रही थीं। हालाकि श्री सिंह ने पहले भी कहा था कि डॉ मिश्रा से वे उनके क्षेत्र के विकास के सिलसिले में मिले थे। आज के बयान में कांग्रेस नेता श्री सिंह ने अपने दिवंगत पिता अर्जुन सिंह के कार्यकाल का स्मरण करते हुए कहा है कि उन्होंने हमेशा प्रतिपक्ष का सम्मान किया। प्रतिपक्ष के सुझावों को वे ध्यान से सुनते थे और आलोचनाओं से विचलित नहीं होते थे। लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं का उन्होंने सदैव पालन किया। भले ही विचारधाराएं अलग रही हों, उन्होंने प्रदेश के विकास में इसे कभी आड़े नहीं आने दिया। श्री सिंह ने कहा कि जब वे मंत्री थे, तब भाजपा के विधायक भी उनसे आकर क्षेत्र के विकास के संबंध में चर्चा करते थे और वे उनकी समस्याओं का हल करते थे। इनमें से अनेक नेता आज मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि वे भी अब अपने क्षेत्र की समस्याओं और विकास को लेकर मंत्रियों से मिलते हैं। कई बार एक दूसरे से सौजन्य भेंट भी होती है। प्रतिपक्ष कोई दुश्मन तो है नहीं।श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में वैमनस्य का कोई स्थान नहीं है। इस सौजन्यता का यह अर्थ कतई नहीं लगाना चाहिए कि वे कांग्रेस छोड़ रहे हैं। प्रशांतवार्ता