Saturday, Apr 27 2024 | Time 00:59 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


मुख्यमंत्री निवास पर केवट जयंती कार्यक्रम संपन्न

भोपाल, 15 मई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि भगवान श्रीराम और सीता माता को निषादराज केवट ने गंगा पार लगाया था और केवट की श्रीराम के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति थी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने यहां मुख्यमंत्री निवास पर केवट जयंती कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर मछुआ कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए केवट समाज से जुड़े व्यक्तियों से श्री चौहान ने संवाद किया और कहा कि निषादराज केवट भारतीय समाज के लिए भगवान से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि केवट समाज सरल, मेहनती और साहसी समाज है। केवट समाज ने देश की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को धूल चटा दी थी। मुख्यमंत्री ने मछुआरों के हित से जुड़ीं बातों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी तालाब और जल-संरचनाओं पर पहला हक मछुआरों का है। दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को दिया जाएगा। प्रदेश में अभियान चलाकर केवट समाज को कब्जा देने का कार्य किया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि समिति बनाकर शासकीय सेवा के लिए जाति प्रमाणपत्र से संबंधित विसंगति दूर की जाएगी। शासकीय सेवा में जो कर्मचारी हैं, उन्हें सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। जहाँ केवट समाज की बहुलता है, वहाँ निषादराज स्मारक, भवन बनाएंगे एवं मूर्तियाँ लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि केवट समाज के युवाओं को परम्परागत व्यवसाय के अलावा दूसरे व्यवसायों में भी आगे आने की कोशिश करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में बहनों के खातों में 1000 रुपए हर महीने डाले जाएंगे। समाज की प्रगति विकास और उन्नति में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री केवट समाज का गौरव बढ़ाने, प्रगति और विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में तेजी से मछुआ क्रेडिट कार्ड बन रहे हैं। समाज के विकास के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम बाथम ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हमारे समाज के प्रभु केवट ने भगवान राम को नाव में बैठाकर पार लगाया था। केवट समाज का देश के विकास में बहुत योगदान है। उन्होंने मछुआरों और केवट समाज को अधिकार दिलाने की मांग की। भोपाल में ठहरने के लिए रेस्ट हाउस की मांग रखी।
इसके पहले श्री चौहान ने पुष्प-वर्षा कर केवट समाज के भाई-बहनों का स्वागत किया और केवट समाज की प्रतीक नाव पर सवार होकर सांकेतिक रूप से नाव भी चलाई। केवट समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वागत किया। मुख्यमंत्री को समाज के पदाधिकारियों ने स्मृति-चिन्ह भेंट किया।
प्रशांत
वार्ता
image